पठानकोटः नशे की गिरफ्त में डूब रहे पंजाब के युवाओं को वापस पटरी पर लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक मुहिम शुरू की गई थी। जिसे नशे पर जंग का नाम दिया गया था। जिसके तहत पहले चरण में नशा तस्करों को पकड़कर जेलों के पीछे डाला गया और दूसरे चरण में राज्य सरकार के मंत्रियों की ओर से गांवों में कमेटियां बनाई गई और लोगों को शपथ दिलाई गई कि वे नशा तस्करों को गांवों में नहीं घुसने देंगे और अब राज्य सरकार की इस मुहिम का असर भी दिखने लगा है।
आपको बता दें कि आज पठानकोट जिले के गांव चक्क मन्हासा में एक युवक ने नशा छोड़ने की कहानी अपने परिवार के साथ सांझी की, जिसके बाद परिवार वालों ने गांव के सरपंच से बात की और सरपंच नशे की दलदल में फंसे युवक को पुलिस स्टेशन ले गए। जहां पुलिस ने इस व्यक्ति का हौसला बढ़ाया और उसके फैसले की सराहना की और उसे नशा छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती भी कराया।
इस मौके पर गांव के लोगों ने राज्य सरकार का धन्यवाद किया और कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाई यह मुहिम सराहनीय है। आज पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी युवक ने आगे आकर कहा है कि उसने नशा छोड़ दिया है और वे पंजाब सरकार का धन्यवाद करते हैं।
वहीं जब इस संबंध में नंगलपुर थाने के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि वे गांव चक मन्हासा के लोगों की सराहना करते हैं जिन्होंने नशे में डूबे युवाओं को बाहर निकालने के लिए उन्हें नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया और युवाओं को नशा छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि सभी पंचायतें अपने गांवों के युवाओं को इसी तरह प्रेरित करें तो पंजाब को रंग-बिरंगा पंजाब और नशा मुक्त पंजाब बनाया जा सकता है।