UK अमृत संचार समिति के नेता का आया बयान
अमृतसरः श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहिबान और एसजीपीसी द्वारा गुरुद्वारों में कुछ महीने पहले केसरिया निशान साहिब बदलकर बसंती निशान साहिब लगा दिए गए। यूके से अमृत संचारक समिति के नेता भाई बलदेव सिंह आज श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे। जहां उन्होंने इस निशान साहिब के रंग को लेकर विरोध जताया। उन्होंने कहा कि हमारे गुरु साहिबान के समय से केसरिया निशान साहिब झूलते आए हैं और केसरिया निशान साहिब ही होने चाहिए। उन्होंने कहा कि जब विदेश में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार पहुंचे थे, तब उनसे भी बातचीत हुई थी, तो उन्होंने कहा था कि यह फैसला शिरोमणि कमेटी का है।
भाई बलदेव सिंह ने कहा कि वह शिरोमणि कमेटी से मांग करते हैं कि निशान साहिबों का रंग दोबारा केसरिया किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जून 1984 में दरबार साहिब में हुए हमले के दौरान बहुत सारे सिख फौजियों ने अपनी नौकरियां छोड़ दी थीं, जिन्हें धार्मिक फौजी कहा जाता है, और आज तक उन धार्मिक फौजियों को एसजीपीसी या श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से कोई सम्मान नहीं दिया गया है, न ही उनके लिए कभी कोई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
इसलिए वह मांग करते हैं कि धार्मिक फौजियों के लिए भी सम्मान दिया जाए। दूसरी ओर धार्मिक फौजियों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि एसजीपीसी के अध्यक्ष से मिलने के लिए कई बार एसजीपीसी कार्यालय पहुंचे हैं, लेकिन अब तक एसजीपीसी अध्यक्ष ने उनकी मांगें स्वीकार नहीं की हैं और न ही उन्हें कभी धार्मिक फौजी का सम्मान दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब हम एसजीपीसी से कोई उम्मीद नहीं रखते। जिसके बाद उन्होंने विदेश की बैठी संगतों और यूके अमृतसर समिति से मांग करते हुए कहा कि वह उन्हें दो मीटर का सरोपा देकर सम्मानित कर दें। उन्होंने कहा कि धार्मिक फौजी सिर्फ अपना सम्मान बहाल करने की मांग करते हैं और इसके अलावा हमारी कोई और मांग नहीं है।