नई दिल्ली: एक साल पहले आज के दिन टाटा ग्रूप के मालिक रत्न टाटा का निधन हुआ था। आज उनकी पहली पुण्यतिथि है। पूरा देश उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें याद कर रहा है। उनके निधन को अभी साल ही हुआ है परंतु टाटा समूह ने इतने कम समय में ही काफी कुछ देख लिया है। टाटा समूह के नेतृत्व में कई बदलाव और उतार-चढ़ाव भी आए। रत्न टाटा की गैर मौजूदगी में समूह के अंदर विरोध और सत्ता बंटने के विवाद भी काफी देखे गए। कंपनी में विरोध इतना बढ़ गया कि डेढ़ शताब्दी में पहली बार सरकार को ग्रूप के अंदर दखल देना पड़ा।
टाटा ग्रूप सिर्फ एक बड़ा उद्योग संगठन ही नहीं था बल्कि देश के भरोसे का भी नाम है परंतु इस समूह के अंदर अधिकारियों का एक-दूसरे पर भरोसा लगातार कम हो रहा है। इसी कारण टाटा ग्रूप की सबसे बड़ी कंपनी टीसीएस में 20 साल में पहली बार बंटवारा हुआ है। इस बटंवारे के कारण उद्योग जगत के साथ-साथ पूरे देश का भरोसा हिल गया है।
कंपनी में शुरु हुआ पॉवर गेम
इस वक्त कंपनी की सारी कमान नोएल टाटा संभाल रहे हैं परंतु उनकी नियुक्ति के कारण कई लोग नाराज दिख रहे हैं। धीरे-धीरे कंपनी में उनका विरोध बढ़ रहा है। विरोध इतना बढ़ गया कि ट्रस्ट के अधिकारी 2 ग्रूप्स में बंट गए हैं। नियुक्तियों और बोर्ड के फैसलों का विरोध लोगों के द्वारा किया जा रहा है। कमान भले ही नोएल टाटा के पास थी परंतु अधिकारी उनके साथ सहमत नहीं थे। एसपी ग्रूप के निदेशक मेहली मिस्त्री जैसे पुराने सदस्यों ने भी ग्रूप्स बनाने शुरु कर दिए और नोएल टाटा व टाटा संस के चेयरमैन एंड चंद्रशेखन के फैसलों में दखल देने लगे हैं। टाटा संस के बोर्ड में नॉमिनी निदेशकों के रिटायर होने के बाद नई नियुक्ति के समय यह विरोध और भी खुलकर सामने आया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी इसमें दखल देना पड़ा।
नई पीढ़ी को मिली कमान
रतन टाटा के जाने के बाद टाटा समूह में नई पीढ़ी की कमान मिल गई। नोएल टाटा की बेटी माया, लिआह और बेटे नेविल टाटा को सर रतन टाटा इंडस्ट्रियल इंस्टीट्यूट के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में शामिल किया गया है। यह संस्थान महिलाओं की स्किल को बढ़ाने और उन्हें ट्रेनिंग देने का काम करता है। उनकी दोनों बेटियां ट्रस्ट की ट्रस्टी हैं। माया टाटा काफी पहले से ही टाटा नियो ऐप की टीम का हिस्सा रही हैं। लिाआह टाटा समूह के होटल विंग की वाइस प्रेजिडेंट हैं।