फाजिल्का: किसान नेता बूटा सिंह बराड़ की दिल्ली एयरपोर्ट से लौटते समय हुई घटना गंभीर चिंता का विषय है। उनके साथ हुए हमले और पीछा करने की घटना ने न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा पर सवाल उठाया है, बल्कि इससे सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को भी उजागर किया है।
बराड़ ने बताया कि जब वे अपनी पत्नी को लेने के बाद दिल्ली एयरपोर्ट से निकले, तो उन्होंने एक निजी होटल पर चाय पीने के लिए रुकने का निर्णय लिया। होटल से निकलने के बाद, एक अन्य गाड़ी ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया, जिसमें कुछ बदमाश सवार थे। इस गाड़ी ने लगभग 150 किलोमीटर तक उनका पीछा किया और हांसी के पास उनकी कार को रोक दिया। बदमाशों ने बेसबॉल से हमला किया, जिसके बाद बराड़ ने खुद को बचाने के लिए अपनी कार वापस दिल्ली की दिशा में भगाई और रास्ते में पुलिस को सूचना दी। पेट्रोल पंप पर रुकर, उन्होंने बाथरूम में खुद को लॉक कर अपनी जान बचाई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उन्हें सुरक्षित किया और टोल प्लाजा तक छोड़ा
दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में सुरक्षा की स्थिति पर सवाल उठता है। एक सार्वजनिक सड़क पर इतने लंबे समय तक पीछा करना और फिर हमला करना सुरक्षा बलों की तत्परता पर सवाल खड़ा करता है।घटना के बाद पुलिस ने मदद की, लेकिन उनकी कार्रवाई को लेकर प्रश्न उठाए जा रहे हैं। क्या पुलिस ने त्वरित और प्रभावी तरीके से प्रतिक्रिया दी? क्या उन्हें पहले से अधिक सतर्क रहना चाहिए था?इस घटना ने आम लोगों की सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल खड़ा किया है। क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और प्रभावी कदम उठाए जा सकते हैं?
बराड़ ने इस घटना को लेकर सरकार और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए हैं और अन्य लोगों को दिल्ली एयरपोर्ट से आने-जाने के मामले में सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए किसानों के प्रतिनिधि मंडल को पुलिस और सिविल प्रशासन से मुलाकात करने का निर्णय लिया है, ताकि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उचित कदम उठाए जा सकें और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।