हेल्थः प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के हार्मोनल और शारीरिक बदलाव होते हैं, जिससे उसके शरीर की पोषण की जरूरतें भी बढ़ जाती हैं। इस समय ऐसी डाइट लेनी जरूरी होती है, जो न केवल मां को ताकत दे, बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु के संपूर्ण विकास में भी मदद करे। मौसंबी यानी स्वीट लाइम एक ऐसा फल है, जो स्वाद में हल्का मीठा-खट्टा होता है और सेहत के लिए फायदों से भरपूर होता है। गर्मियों के मौसम में यह शरीर को ठंडक देने वाला और थकान दूर करने वाला प्राकृतिक फल भी है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मौसंबी प्रेग्नेंसी में सुरक्षित है? इसे कब और कितनी मात्रा में खाना चाहिए?
एक्सपर्ट के मुताबिक मौसंबी स्वाद में हल्की मीठी और खट्टी होती है और इसमें विटामिन C के साथ कैल्शियम, पोटैशियम फाइबर और आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। मौसंबी में एंटीऑक्सिडेंट्स और हाइड्रेटिंग तत्व भी होते हैं, जो शरीर को डिटॉक्स करने और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं।
प्रेग्नेंसी में इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है, जिससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। मौसंबी में मौजूद विटामिन C एक पावरफुल एंटीऑक्सिडेंट है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को बढ़ाता है और सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं से बचाव करता है।
प्रेग्नेंसीमें महिलाओं को अक्सर कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याएं होती हैं। मौसंबी में मौजूद फाइबर और साइट्रिक एसिड पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं और पेट को हल्का रखते हैं। यह कब्ज को दूर करने में कारगर है। मौसंबी में पाया जाने वाला फोलिक एसिड गर्भ में पल रहे शिशु के मस्तिष्क और डेवलपमेंट में मदद करता है। साथ ही इसमें मौजूद मिनरल्स शिशु की हड्डियों और इम्यून सिस्टम को बेहतर करने में सहायक होते हैं।
गर्मी के मौसम में प्रेग्नेंट महिलाओं को पानी की कमी से कमजोरी और चक्कर आने जैसी समस्या हो सकती है। मौसंबी का रस शरीर को ठंडक पहुंचाता है और डिहाइड्रेशन से बचाता है। यह एक नेचुरल एनर्जी ड्रिंक की तरह काम करता है। प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण स्किन पर पिग्मेंटेशन और बालों का झड़ना आम है। मौसंबी में मौजूद विटामिन C कोलेजन प्रोडक्शन को बढ़ावा देता है, जिससे स्किन पर निखार आता है और बाल मजबूत होते हैं।