मानवीय सेहत के लिए खतरा
हरियाणाः बिना पर्यावरण मंजूरी के चल रहे 8 फॉर्मल्डिहाइड प्लांट लोगों के लिए खतरा बन रहे हैं। इन प्लांट से वायु जल और मृदा प्रदूषण बड़े पैमाने पर होता है। फॉर्मल्डिहाइड प्लांट से गैस बनकर वायु में मिक्स हो जाती है जो की वायुमंडल में ओजोन परत को प्रभावित करती है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आई एक ताजा जजमेंट में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि इस तरह के प्लांट मानवीय जीवन के लिए खतरा है और देश में चल रहे इस तरह के प्लांट को संबंधित विभाग 15 दिन के अंदर बंद करवाए। सुप्रीम कोर्ट की यह जजमेंट 29 मई को आई थी।
यमुनानगर में फॉर्मल्डिहाइड के कुल 12 प्लांट है। जिनमें से 8 प्लांट के पास पर्यावरण मंजूरी नहीं है। यह आठों प्लांट बिना पर्यावरण मंजूरी के धड़ल्ले से चल रहे हैं और आमजन के स्वास्थ्य लिए बड़ा खतरा बने हुए हैं। जिले का प्रदूषण विभाग बिना पर्यावरण मंजूरी के चल रहे इन 8 प्लांट पर कार्रवाई करने की बजाय उनकी हिमायत करता हुआ नजर आ रहा है। इन प्लाटों की हिमायत करने का आखिर क्या कारण है यह जांच का विषय है।
जबकि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह के प्लांट आमजन वायु जल और मृदा के लिए भविष्य में खतरा है। इनको तुरंत प्रभाव से बंद करवाना चाहिए। मनुष्य जीवन पर इन प्लांट से इतना बड़ा खतरा है कि कैंसर जैसी जानलेवा बिमारी का कारण है।
यमुनानगर पॉल्यूशन विभाग के अधिकारी प्रदीप सिंह का कहना है कि फॉर्मल्डिहाइड प्लांट के मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट से स्टे ली है लेकिन हमने कार्रवाई से पहले लीगल ओपिनियन मांगा है। अब देखना है कि उसे पर कब जवाब आता है। यमुनानगर सिविल अस्पताल की पीएमओ दिव्या मंगला ने भी अवैध रूप से चल रहे फॉर्मल्डिहाइड प्लांट को लेकर चिंता जाहिर की है। उनका कहना फॉर्मल्डिहाइड प्लांट के चलने कई तरह की गंभीर समस्याएं पैदा होती है जिनका इलाज आसान नहीं है।