चंडीगढ़ः वारिस पंजाब दे मुखी व खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह व उसके साथियों को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, कुछ दिनों पहले अमृतपाल सिंह और उसके साथियों पर दोबारा नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) लगाया गया था। वहीं दोबारा लगाए गए NSA एक्ट को लेकर मामले में नया मोड़ आया गया है। इस मामले में आरोपियों की तरफ NSA को चैलेंज किया गया है। इस संबंधी रिप्रेजेंटेशन केंद्र सरकार व एडवाइजरी बोर्ड को भेज दी गई है। यह बात पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में इसी मामले से जुड़े केस की सुनवाई के दौरान आरोपियों के वकील की तरफ से रखी गई है। अब छह हफ्ते में एडवाइजरी बोर्ड को इस संबंधी फैसला लेना है। वहीं, इसके बाद वह अगला एक्शन लेंगे।
जरूरत पड़ी तो इसको हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी। दरअसल 18 मार्च 2024 को अमृतपाल सिंह व उसके साथियों पर लगाए गए NSA की अवधि खत्म हो गई थी। इसके बाद उन पर नए सिरे से यह एक्ट लगा दिया गया था। इस बात का पता भी केस की सुनवाई दौरान ही पता चला था, जब केंद्र और पंजाब को इससे जुड़े मामले में रिप्लाई मांगी गई थी। वहीं, आरोपियों की तरफ से रिप्रेजेंटेशन भेजी गई है। एडवाइजरी बोर्ड रिटायर जज की अगुवाई में काम करता है। इस रिप्रेंजेंटशन में बताया गया है कि यूएपीए एक्ट की वजह से आरोपियों पर दोबारा एनएसए लगाया गया है। जबकि मुख्य केसों में आरोपियों को गिरफ्तारी नहीं डाली गई है।
सभी केसों में उक्त लोग आरोपी नहीं है। ऐसे में आम कानून ही सही है। इस एक्ट की कोई जरूरत नहीं है। अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने अप्रैल 2023 में मोगा जिले के रोडे गांव के गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया था। उस पर NSA उस समय ही लगा दिया था, जब से पुलिस उसका पीछा कर रही थी। पकड़े जाने के बाद वह असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद चल रहा है। अब उसे वहां की जेल में बंद हुए लगभग एक साल अधिक समय हो गया है। परिवार वाले मांग कर रहे है कि उसे डिब्रूगढ़ जेल की बजाए पंजाब जेल में रखा जाए।
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