नई दिल्ली: देश में यूपीआई और RuPay डेबिट कार्ड का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन अब डिजिटल ट्रांजैक्शन से जुड़े एक अहम बदलाव की चर्चा हो रही है जो आपकी जेब पर असर डाल सकता है। दरअसल, अभी तक यूपीआई और RuPay डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर किसी भी तरह का एमडीआर (Merchant Discount Rate) लागू नहीं था। बैंक और सरकार इसे प्रोत्साहन के रूप में बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के चला रहे थे। लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक इसे दोबारा लागू करने पर विचार किया जा रहा है।
बताया जा रहा हैकि सरकार इन ट्रांजेक्शन पर मर्चेंट शुल्क लगाने की तैयारी कर रही है। जिसके चलते बैंकिंग इंडस्ट्री की तरफ से सरकार को एक प्रस्ताव भेजा गया है। समाचार रिपोर्ट में एक बैंकर के हवाले से कहा गया है कि बड़े व्यापारियों के लिए UPI लेनदेन पर MDR को फिर से लागू करने का औपचारिक अनुरोध बैंकिंग उद्योग द्वारा केंद्र सरकार को प्रस्तुत किया गया है और संबंधित विभाग इसकी समीक्षा कर रहे हैं।
प्रस्ताव के अनुसार, 40 लाख रुपये से अधिक के सालाना कारोबार वाले व्यापारियों के लिए उनके GST फाइलिंग के आधार पर MDR को फिर से लागू किया जा सकता है। सरकार UPI के लिए एक स्तरीय मूल्य निर्धारण मॉडल पर भी विचार कर सकती है, जहां बड़े व्यापारियों को अधिक शुल्क देना होगा, जबकि छोटे व्यवसायों को कम शुल्क देना होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि 40 लाख रुपये से कम वार्षिक कारोबार वाले व्यापारियों के लिए UPI भुगतान निःशुल्क रहेगा। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2025 में यूपीआई ने 16.11 बिलियन लेनदेन दर्ज किए, जिनकी राशि लगभग 22 ट्रिलियन रुपये थी।
जनवरी में कुल लेनदेन 16.99 बिलियन था। अभी इनके जरिये किये जाने वाले लेन-देन पर किसी तरह की फीस (MDR) नहीं लगती। एमडीआर यानी Merchant Discount Rate वह चार्ज होता है, जो दुकानदार अपने बैंक को डिजिटल पेमेंट प्रोसेस करने पर देते हैं. फिलहाल यह फीस सरकार ने माफ की हुई है लेकिन अब सरकार इसे दोबारा लागू करने का प्लान कर रही है.