रूपनगरः गुरुघर में हो रहे आनंद कारज में जीजा और फूफा सरेआम एक-दूसरे के साथ भिड़ गए। इस दौरान दोनों ने धक्का मुक्की की गई। जिसके बाद इनको गुरुद्वारा साहिब से बाहर निकाल लिया गया। घटना 8 दिसंबर की है। ग्रंथ साहिब ने बताया कि इस घटना में दोनों आपस में हाथापाई करते हुए बाहर चले गए। उन्होंने कहा कि 8 दिसंबर को वह गुरु घर में अरदास कर रहे थे। इस दौरान 4 से 5 मिनट में घटना करते हुए दोनों बाहर चले गए। इस दौरान ग्रंथी ने सभी लोगों से अपील की है कि ऐसी घटना दोबारा से गुरु घर में ना हो। ग्रंथी ने बताया कि इस घटना के बाद दोनों पक्षों ने गुरु घर में आकर माफी भी मांगी थी।
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उनका कहना हैकि गुरु घर में यह घटना निंदनीय है। दरअसल, वीडियो में देखा जा सकता है कि जीजा और फूफा भिड़ते दिख रहे हैं। इसके बाद लोग इनको बाहर निकाल देते हैं और लावां फेरे पूरे करवाए जाते हैं। लड़का-लड़की दोनों पक्षों ने इस मामले को लेकर पुलिस से शिकायत नहीं की है। दरअसल, दोनों ने गुरु घर में दूल्हे के सेहरे को लेकर दोनों में विवाद हो गया था। बताया जा रहा हैकि इस घटना से पहले दोनों पक्षों का घर में कुछ विवाद हुआ था। जिसके बाद गुरु घर में दोनों में हाथापाई हुई।
दरअसल, गुरुद्वारा के पाठी सिंह ने बताया कि शादी की रस्में चल रही थीं। वह आनंद-कारज को लेकर वाणी पढ़ रहे थे, इसी बीच उन्होंने अपील की की काका जी का सेहरा खोला जाए। इस पर एक महिला और आदमी आकर दूल्हे के पीछे खड़े होते हैं और सेहरे की गांठ खोलने लगते हैं। देखते ही देखते महिला और आदमी में गांठ खोलने को लेकर बहस होती है। इस पर सामने से एक अन्य व्यक्ति आता है और दोनों में धक्का-मुक्की हो जाती है। इसी दौरान गुरुद्वारे के सेवादार विवाद करने वालों को बाहर निकाल देते हैं।
शादी समारोह में पहुंची गांव की महिला ने बताया कि घटना के बाद दोनों पक्षों को बाहर निकाल दिया गया, लेकिन दोनों माने नहीं और गुरुद्वारा साहिब के बाहर भी कुछ देर तक बहस करते रहे। महिला ने बताया कि उसे नहीं पता कि आपस में इनकी क्या रिश्तेदारी है। लेकिन सेहरा खोलने की ये रस्में उनके इलाके में दूल्हे की बहन-जीजा या फिर दूल्हे के पिता के बहन-जीजा निभाते हैं। इस हिसाब से उन्हें लगता है कि जीजा और फूफा के अहम की लड़ाई थी जिसके चलते ये शर्मनाक घटना हुई है
गुरुद्वारे के पाठी सिंह ने कहा कि झगड़ा होने पर भी उन्होंने लड़का-लड़की का आनंद कारज पूरा करवाया। लावां-फेरे होने के बाद झगड़ा करने वाले दोनों गुट फिर से गुरुद्वारे के अंदर आ गए और कहा कि उनसे गलती हो गई है। वह श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हजूरी में माफी मांगना चाहते हैं। इस पर मैंने माफी की अरदास करवाई और दोनों पक्षों ने घटना के 15 से 20 मिनट बाद माफी मांग ली।
शादी समारोह के बाद दूल्हे ने भी बाहर जाकर रिश्तेदारों से सामने एतराज जताया। उसने कहा कि गुरु साहिब की हजूरी में इस तरह से लड़कर आप लोगों ने मेरी शादी के आनंद को खराब कर दिया। क्या आपको मेरी ही शादी में लड़ने का मौका मिला था। दुल्हन ने भी रिश्तेदारों को इस तरह की हरकत के लिए लताड़ा। इसके बाद दुल्हन की विदाई की रस्में निभाकर डोली विदा कर दी गई।
