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Punjab News: जिसका खेत उसकी रेत मामले में आमने-सामने हुई किसान जत्थेबंदियां, लगाए एक-दूसरे पर आरोप, देखें वीडियो

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गुरदासपुरः जिले के गांव राजू बेला, किशनपुर और पसवाल में पंजाब सरकार की मुहिम जिसका खेत उसकी रेत के अंतर्गत किसानों द्वारा अपने खेतों से निकाली जा रही रेत को लेकर किसान जत्थेबंदियां आमने-सामने हो गई। इस दौरान ब्यास नदी के पास एक किसान जत्थेबंदी ने आकर रेत निकालने का काम रोक दिया और कहा कि यह गैरकानूनी माइनिंग हो रही है। दूसरी किसान जत्थेबंदी ने कहा कि यह गैरकानूनी माइनिंग नहीं है, बल्कि किसानों ने क्रशर मालिकों से कहा है कि वे खेतों से रेत और बजरी निकाल दें ताकि उनके खेत फिर से खेती के योग्य हो सकें। क्रशर मालिकों ने कहा कि उन्होंने सरकार को सभी फीस दे दी हैं और किसानों के खेतों से रेत निकालने का काम शुरू कर दिया है। लेकिन कुछ किसान जत्थेबंदियां जानबूझकर इस काम को राजनीतिक एजेंडे के तहत उन्हें रोक रही हैं और माहौल खराब कर रही हैं।

इस मामले के संबंध में जानकारी देते हुए किसान बलविंदर सिंह ने बताया कि गांव राजू बेला में उसकी जमीन है, जो बाढ़ के कारण बीआस नदी ने पूरी तरह तबाह कर दी है और जमीन में रेत और पत्थर भर गए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा जो मुहिम शुरू की गई है, उसके तहत उन्होंने क्रशर मालिकों से कहा था कि उनकी जमीन को साफ किया जाए ताकि उनकी जमीन फिर से खेती के योग्य हो सके। उन्होंने कहाकि इसी के तहत कल जब जमीन से रेत निकाली जा रही थी तो कुछ किसान जत्थेबंदियों ने आकर काम रोक दिया और कहा कि यहां गैरकानूनी माइनिंग हो रही है, जबकि वे अपनी मर्जी से अपनी जमीन से रेत निकालवा रहे थे।

कुछ किसान जत्थेबंदियां राजनीतिक एजेंडे के तहत यह काम रोक रही हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को उनके काम को जारी रखने देना चाहिए ताकि उनके खेत फिर से खेती के योग्य हो सकें। इसी मामले पर जब क्रैशर मालिक बलजीत सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि किसान की मंजूरी के साथ ही वे खेतों से रेत और बजरी निकाल रहे हैं और उन्होंने सरकार को सभी टैक्स दे दिए हैं। इस संबंध में उन्होंने माइनिंग विभाग से भी सभी मंजूरियां ली हुई हैं, लेकिन जानबूझकर कुछ किसान जत्थेबंदियां राजनीतिक एजेंडे के तहत काम रोक रही हैं।

उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार की जो मुहिम शुरू की गई है, उसके अंतर्गत सभी मंजूरियां लेकर ही यह काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को उनके काम को जारी रखने की अनुमति देनी चाहिए ताकि उनके खेत फिर से खेती योग्य बन सकें। दूसरी ओर मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि इस स्थान पर अवैध खनन हो रहा है। लेकिन जब वह वहां पहुंचे तो देखा कि यहां किसी भी तरह का कोई अवैध खनन नहीं हो रहा था। उन्होंने कहा कि वह मौके पर पहुंचे किसान संगठनों से बात कर रहे हैं। बयान दर्ज करने के बाद आगे की उचित कार्रवाई की जाएगी।

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