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कांप उठेगा कलेजा, भारत से नेपाल जाने को पार करना होगा खतरनाक पुल

कांप उठेगा कलेजा, भारत से नेपाल जाने को पार करना होगा खतरनाक पुल कांप उठेगा कलेजा, भारत से नेपाल जाने को पार करना होगा खतरनाक पुल

400 मीटर लंबा पुल, नीचे गहरी खाई, देखकर ही रूह कांप जाएगी

उत्तराखंडः अगर आप नई जगहों पर जाने का शौक रखते हैं और एडवेंचर की तलाश में है तो उत्तराखंड के पिथौरागढ़ आइए जहां पास ही में पड़ोसी देश नेपाल का हिकिला गांव है, जो भारत से एक पुल के जरिए जुड़ा हुआ है। यह पुल नेपाल का दूसरा सबसे बड़ा झूला पुल है, जो दो पहाड़ियों के बीच गहरी खाई पर बना हुआ है। इसे पार करना अपने आप में रोमांचक अनुभव है। उत्तराखंड से पड़ोसी देश नेपाल का लगभग 275 किलोमीटर लंबा इंटरनेशनल बॉर्डर सटा हुआ है। 

उत्तराखंड के दो जिले चंपावत और पिथौरागढ़ नेपाल से लगे हुए हैं। चंपावत जिले से जहां मोटर पुल के रास्ते नेपाल जाया जा सकता है, वहीं पिथौरागढ़ जिले के लोग झूला पुल के सहारे पैदल नेपाल पहुंचते हैं। यह नेपाल का दूसरा सबसे बड़ा झूला पुल है इसे पार करना हवा में चलने जैसा है। यह पुल 400 मीटर लंबा है इसे देखना ही रोमांच और डर से भर देता भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का संबंध माना जाता है।

 बतादें कि पुल के नीचे 500 मीटर गहरी खाई है। यही ऊंचाई इस पुल को खतरनाक और रोमांचक बनाती है। आवाजाही के दौरान पुल हिलने लगता है। जिसकी वजह से कई लोग पुल पर चढ़ने से कतराते हैं। नेपाल के गांव हिकिला के लोगों के लिए यह पुल किसी वरदान से कम नहीं है यहां के ग्रामीण रोजाना पुल पर आवाजाही करके अपने दैनिक काम पूरे करते हैं। अपनी लंबाई और ऊंचाई के कारण अब यह लोगों के बीच एक नया डेस्टिनेशन बनकर सामने आ रहा है। इस पुल का रोमांचक अनुभव लेने के लिए लोग पिथौरागढ़ जिला आते हैं और यहां नेपाल के गांव हिकिला पहुंचते हैं। भारत में ऐसा पुल संभवतः और कहीं नहीं है, इसलिए उत्तराखंड आने वाले पर्यटक पिथौरागढ़ आकर सस्पेंशन ब्रिज का अनुभव लेते हैं। यहां धारचूला के रान्थी गांव से पहुंचा जाता है। अगर आपको भी ऊंचाई से डर नहीं लगता है तो पिथौरागढ़ की यात्रा कर धारचूला से हिकिला गांव की यात्रा इस पुल से कर सकते हैं। इन जगहों पर खतरनाक झूला पुल के अलावा नदियां, पहाड़, झरने आपको खूब आकर्षित करेंगे।

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