हेल्थः किडनी के ऊपर हमारे पूरे शरीर को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी होती है। किडनी का सबसे जरूरी काम खून से वेस्ट मटीरियल और एक्स्ट्रा लिक्विड्स को हटाना है। क्रिएटिनिन भी एक ऐसा ही वेस्ट मटीरियल है जिसे किडनी शरीर से बाहर निकालती है। लेकिन अगर किडनी का फंक्शन खराब होने लगे तो ब्लड में क्रिएटिनिन जमा होने लगता है और यह किडनी रोग या किडनी की खराबी का संकेत हो सकता है।
क्रिएटिनिन मांसपेशियों के टूटने से बनने वाला एक वेस्ट मटीरियल है और किडनी इसे ब्लड से फिल्टर करके यूरिन के जरिए बॉडी से बाहर निकालती है। खून में क्रिएटिनिन का बढ़ा हुआ स्तर अक्सर इस बात का संकेत होता है कि गुर्दे ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव के अलावा कुछ प्राकृतिक सप्लिमेंट्स किडनी फंक्शन को बेहतर बनाने और क्रेटिनिन के लेवल को कम करने में मददगार होते हैं।
– रेहमानिया ग्लूटीनोसाः रेहमानिया ग्लूटीनोसा एक प्राचीन जड़ी बूटी है जिसका इस्तेमाल पारंपरिक चीनी चिकित्सा में सदियों से किया जाता रहा है और यह किडनी और एड्रिनल फंक्शन को बेहतर बनाने के लिए जानी जाती है। इसमें इरिडोइड ग्लाइकोसाइड और कई ऐसे तत्व होते हैं जो किडनी को सूजन और टॉक्सिंस से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं।
– काइटीनः काइटीन पेट में फैट और अपशिष्ट पदार्थों से जुड़कर किडनी पर दबाव को काफी कम कर सकता है। कई अध्ययनों से पता चला है कि काइटीन के सेवन से क्रिएटिनिन का स्तर कम हो सकता है और क्रॉनिक किडनी रोग (CKD) के रोगियों में किडनी और गुर्दे के कार्य में काफी सुधार होता है। इसका उपयोग वजन प्रबंधन, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित करने और किडनी से जुड़ी समस्याओं वाले लोगों के लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य लाभ देने जैसे कई उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है।
– क्वेरसेटिनः क्वेरसेटिन फ्लेवोनॉइड्स से भरपूर होता है जो आमतौर पर सेब, बेरी, प्याज और पत्तेदार सब्जियों जैसे आम खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। एंटीऑक्सिडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटीरी गुणों से भरपूर क्वेरसेटिन गुर्दे में होने वाले नुकसान और ऑक्सिडेटिव तनाव को रोक सकता है जो क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) का एक प्रमुख कारण है। गुर्दे की बीमारी के लिए जानवरों पर की गई रिसर्च में क्वेरसेटिन की खुराक सूजन के लक्षणों को कम करने और गुर्दे की कार्यक्षमता को बढ़ाने में कारगर साबित हुई है। हालांकि इस पर अभी और रिसच की जरूरत है।
नेटल पत्ती की चायः नेटल यूरिका डायोइका जिसे सामान्यतौर पर नेटल या बिच्छू बूटी भी कहा जाता है, यूरिनरी इंफेक्शन और किडनी फंक्शन में मदद के लिए इस्तेमाल होती रही है। यह एक पुराना प्राकृतिक उपचार है। नेटल की पत्ती एक डाइयूरेटिक है जो शरीर से अतिरिक्त पानी और टॉक्सिंस को बाहर निकालने में मदद करती है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुण किडनी फंक्शन को सपोर्ट करते हैं। यह किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षणों को काफी हद तक नियंत्रित कर सकती है। हालांकि किडनी की बीमारी से पीड़ित लोगों को इसे नियमित रूप से इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

