नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली को सुप्रीम कोर्ट ने दीवाली पर एक बड़ा तोहफा दिया है। कोर्ट की ओर से दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री पर लगी हुई रोक 25 अक्टूबर तक के लिए हटा दी गई है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे चलाने की इजाजत दे दी है। मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई ने बताया कि कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और एमिकस क्यूरी के सुझावों पर विचार किया। इसमें उन्होंने त्योहार पर पटाखा उत्पादकों और लोगों को यह राहत देने की सिफारिश दी थी।
सीजेआई गवई ने कहा कि ग्रीन पटाखों के अलावा दूसरे पटाखों की तस्करी चिंता का विषय बनी है। हमें संतुलित रवैया अपनाना पड़ेगा। कोर्ट का कहना है कि हरियाणा के 14 जिले एनसीआर में है ऐसे में राज्य का 70% हिस्सा पटाखे की रोक से प्रभावित होगा।
सिर्फ यही लोग बेच पाएंगे पटाखे
कोर्ट का यह भी कहना है कि पटाखों पर रोक लगने से दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण पर ज्यादा असर नहीं हुआ है। हमें उत्सव की भावना और पटाखा उद्योग से जुड़े हुए लोगों के हितों का भी ध्यान रखना पड़ेगा। एनसीटी (NCT) और केंद्र सरकार ने भी कोर्ट से पटाखों को लेकर रियायत का अनुरोध किया था हालांकि पटाखों की बिक्री की छूट सिर्फ उत्पादकों को ही मिली है जिनके पास नेशनल इनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) और पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन (PESO) का लाइसेंस हैं।
सीमित स्थानों पर चला पाएंगे पटाखे
कोर्ट का कहना है कि नीरी से लाइसेंस्ड उत्पादकों को सिर्फ 18 से 25 अक्टूबर तक सीमित स्थानों पर पटाखे चलाने की इजाजत दी जाएगी। कोर्ट ने पेट्रोलिंग टीम को निगरानी करने का निर्देश भी दिया है। उन्होंने कहा है कि सैंपल की जांच की जाए। कोर्ट का कहना है कि क्यूआर कोड वाले पटाखे बेचें और गलत पटाखे बेचने वालों पर कार्रवाई भी की जाएगी। दीवाली से पहले वाले दिन सुबह 6 से 7 तक और शाम में 8 से 10 बजे तक ही पटाखे चलाने की इजाजत है।