चंडीगढ़ः पंजाब चुनाव के नतीजे देश के बाकी हिस्सों से कुछ अलग हैं। दरअसल, सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब में चुनावों को लेकर बीजेपी निराश होती नजर आ रही है, वहीं आप पार्टी की स्थिति भी कुछ खास नहीं दिखाई दे रही। जबकि सर्वे के मुताबिक कांग्रेस तो बाजी मारती नजर आ रही है। वहीं अकाली दल की स्थिति पहले से भी खराब हो सकती है।
सर्वे रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पंजाब की ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मजबूत हैं। न्यूज चैनल ने सीवोटर के सहयोग से पंजाब की सीटों पर सर्वे किया है। इस सर्वे में लोगों से पूछा गया कि क्या वे केंद्र सरकार के कामकाज से खुश हैं। इसके अलावा, लोग किसे वोट देने जा रहे हैं?
सर्वे के मुताबिक पंजाब में कांग्रेस 13 में से 7 सीटें जीत सकती है। जबकि आम आदमी पार्टी 4 सीटें जीत सकती है. इसके साथ ही 2 सीटें बीजेपी के खाते में जाती दिख रही हैं। इस सर्वे के मुताबिक शिरोमणि अकाली दल को एक भी सीट मिलने की उम्मीद नहीं है।
हालांकि इस सर्वे की एनकाउंटर न्यूज पुष्टि नहीं करता। अगर वोट शेयर की बात करें तो इंडिया गठजोड़ को 30.4 फीसदी और एनडीए को 20.6 फीसदी वोट मिल सकते हैं। पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर 1 जून को चुनाव होने जा रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 8 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि बीजेपी को सिर्फ दो सीटें मिली थी। आम आदमी पार्टी को एक और शिरोमणि अकाली दल को दो सीटें मिली थी।
कांग्रेस पार्टी ने उम्मीदवारों की एक और सूची की घोषणा की है जिसमें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नाम की भी घोषणा की गई है। चन्नी को जालंधर सीट से टिकट दिया गया है। चंडीगढ़ सीट पर इस बार कांग्रेस ने पवन बंसल की जगह मनीष तिवारी पर भरोसा किया है।
कांग्रेस ने सांसद गुरजीत सिंह औजला को अमृतसर से जबकि अमर सिंह को फतेहगढ़ साहिब सुरक्षित लोकसभा सीट से टिकट दिया है। कांग्रेस ने पटियाला से पूर्व सांसद धर्मवीर गांधी को टिकट दिया है। सुखपाल सिंह खैरा को संगरूर लोकसभा सीट से जबकि जीत महेंद्र सिंह सिद्धू को बठिंडा से उम्मीदवार बनाया गया है। हालांकि आज मनीष तिवारी को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद 40 नेताओं ने पद से इस्तीफा दे दिया है।
Disclaimer: All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read carefully and Encounter India will not be responsible for any issue.