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Punjab News: PSDM और बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के बीच MOU, पंजाब के स्वास्थ्य क्षेत्र में नई क्रांति की शुरुआत

 

Highlights:

  1. PSDM और BFUHS ने स्वास्थ्य क्षेत्र की मांगों को पूरा करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए
  2. हर साल 200 युवाओं को स्वास्थ्य कौशल प्रशिक्षण मिलेगा।
  3. फरीदकोट में हेल्थ स्किल डेवलपमेंट सेंटर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना।
  4. युवाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए प्रेरित करने की पहल।

एनकाउंटर न्यूज़, 21 नवंबर, 2024: पंजाब सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। Punjab Skill Development Mission (PSDM) और बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (BFUHS) के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जो स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए मील का पत्थर

इस साझेदारी के तहत, हर साल 200 युवाओं को होम हेल्थ ऐड, ऑपरेटिंग थियेटर तकनीशियन, इमरजेंसी मेडिकल तकनीशियन, जनरल ड्यूटी असिस्टेंट और अन्य स्वास्थ्य कौशल पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षित किया जाएगा।

फरीदकोट में हेल्थ स्किल डेवलपमेंट सेंटर में एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। यह केंद्र उन्नत तकनीकों और विशेषज्ञता के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करेगा, जिससे प्रशिक्षुओं को स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर अवसर मिलेंगे।

स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य

पंजाब के रोजगार सृजन और कौशल विकास मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा,

“यह पहल न केवल युवाओं को कौशल संपन्न बनाएगी, बल्कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को भी मजबूत करेगी। हमारा उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और स्वास्थ्य क्षेत्र की बढ़ती मांगों को पूरा करना है।”

उन्होंने यह भी जोर दिया कि यह परियोजना युवाओं को स्वरोजगार और उद्यमशीलता की दिशा में प्रेरित करेगी, जिससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी।

PSDM और BFUHS की भूमिकाएं

  1. PSDM:
    • वित्तीय सहायता।
    • कार्यक्रम के लिए मार्गदर्शन और संचालन।
    • प्रशिक्षणार्थियों की पहचान और प्रेरणा।
  2. BFUHS:
    • सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का प्रबंधन।
    • प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन और प्लेसमेंट सहायता।

पंजाब सरकार का यह कदम युवाओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाले रोजगार अवसरों के द्वार खोलेगा। इसके अलावा, स्वास्थ्य क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार होगा।

यह पहल राज्य के युवाओं को स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यावसायिक रूप से तैयार करेगी। इसके अलावा, यह उन्हें नौकरी प्राप्त करने के साथ-साथ स्वयं का व्यवसाय शुरू करने का भी मौका देगा।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से प्रशिक्षित पेशेवर, स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता और दक्षता लाएंगे। आपातकालीन सेवाओं और विशेष चिकित्सा प्रक्रियाओं में प्रशिक्षित तकनीशियन राज्य के अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के लिए मूल्यवान साबित होंगे।

स्वास्थ्य कौशल प्रशिक्षण से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि समाज में स्वास्थ्य जागरूकता भी बढ़ेगी। यह पहल उन ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी प्रभाव डालेगी जहां स्वास्थ्य सेवाएं सीमित हैं।

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