चंडीगढ़ः पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य की मंडियों में चल रही धान की खरीद को लेकर आज अपनी रिहायश पर अधिकारियों से मीटिंग की। मीटिंग में फूड सप्लाई मंत्री लाल चंद कटारूचक्क भी मौजूद रहे। इस दौरान धान की खरीद को सुचारु चलाने के लिए 4 बड़े फैसले लिए गए हैं। मंत्री कटारूचक्क ने बताया कि सरकार ने मिलरों को बड़ी राहत दी है। पहले जब सरप्लस पैडी की आरओ दी जाती थी तो 50 रुपए प्रति टन फीस ली जाती है।
वहीं, अब आरओ फीस 10 रुपए तय कर दी है। वहीं, कोई आरओ लेता है और अगले दिन फसल उठा ले लेता तो उसे वह फीस भी नहीं देनी होगी। बीआरएल शेलरों पर कई तरह केस लंबित हैं। अब इनके सिस्टर पार्टनर या गारंटर भी काम कर पाएंगे। हालांकि पहले यह नियम नहीं था। 200 शैलरों को इससे फायदा होगा। इसके अलावा मिलर जिले की किसी भी जगह धान उठा सकते हैं। अब जिला स्तर के सर्किल बनाए गए हैं। पहले यह छोटे होते थे। पहले नई मिलों को पुरानी धान दी जाती थी, जबकि अब नई मिलों को पुरानी मिलों की तरह धान दी जाएगी।
पंजाब की मंडियों में अब तक 24 लाख मीट्रिक टन धान पहुंंची। इसमें साढ़े 22.50 लाख मीट्रिक टन खरीदी जा चुकी है। 4.13 लाख मीट्रिक टन की लिफ्टिंग हो चुकी है। इससे पहले शनिवार को किसानों और सीएम की मीटिंग हुई थी। किसानों ने सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर 4 दिन में धान की लिफ्टिंग उचित तरीके से नहीं हुई तो वह दोबारा संघर्ष की राह पर आ जाएंगे। राज्य में धान की खरीद का मुद्दा काफी अहम है। क्योंकि धान राज्य के किसानों की प्रमुख फसलों में से एक है।
लेकिन किसानों का आरोप है कि धान की खरीद में दिक्कत आ रही है। इस मुद्दे को लेकर भारतीय किसान एकता उगराहां की तरफ से 25 जगह टोल प्लाजा और 25 नेताओं (आप के विधायक, मंत्री और बीजेपी के नेताओं) के घरों का घेराव किया हुआ है। दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चे की तरफ चंडीगढ़ में सीएम हाउस घेरने का फैसला लिया गया था। लेकिन सरकार ने उनसे शनिवार को मीटिंग की थी। जिसमें सरकार ने किसानों से दो दिन का समय मांगा था। साथ ही दावा किया था कि सारी स्थिति सामान्य दी जाएगी। जबकि किसानों ने सरकार को चार दिन का समय दिया था। साथ ही कहा था कि अगर उसके बाद भी सुनवाई नहीं हुई तो वह सख्त कदम उठाएंगे।