मोहालीः पंजाब एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने मोहाली से गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा के लिए काम करने वाले दो बदमाशों को काबू किया है। काबू किए गए बदमाशों के कब्जे से पुलिस ने .32 बोर की कैलिबर पिस्तौल और 7 कारतूस बरामद किए हैं। गिरफ्तार किए गए बदमाशों की पहचान जश्न संधू और गुरसेवक सिंह के रूप में हुई है। एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स, पंजाब ने लॉरेंस बिश्नोई-रोहित गोदारा गैंग के दो प्रमुख गुर्गों- जश्न संधू और गुरसेवक सिंह को मोहाली से गिरफ्तार किया है।
राजस्थान के गंगानगर में 2023 में हुए एक हत्याकांड में वांछित जश्न संधू जॉर्जिया, अजरबैजान, सऊदी अरब और दुबई में लगातार ठिकाने बदलकर गिरफ्तारी से बच रहा था। दुबई से नेपाल में उतरने के बाद, वह कानून प्रवर्तन से बचने के प्रयास में सड़क मार्ग से भारत में दाखिल हुआ। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि जश्न ने गिरोह को रसद सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उससे पूछताछ में विदेशी हवाला ऑपरेटरों, ट्रैवल एजेंटों और विदेशों में छिपे भगोड़े गैंगस्टरों के ठिकानों की पहचान हुई है। इस गिरफ्तारी से पंजाब और नई दिल्ली में सनसनीखेज अपराधों को नाकाम कर दिया गया।
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने बताया है कि यह दोनों गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा के लिए काम करते थे। यह उनके कहने पर पंजाब के साथ-साथ दूसरे अन्य प्रदेशों में भी आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते थे। यह दोनों आरोपी टारगेट किलिंग की वारदातों में शामिल है। प्रारंभिक पूछताछ के दौरान यह भी सामने आया है कि जश्न गैंगस्टरों को लाजिस्टिक सपोर्ट प्रदान करता था। इनसे पूछताछ में कुछ विदेशी हवाला ऑपरेटर ट्रैवल एजेंट और विदेश में छिपे भगोड़े गैंगस्टरों के ठिकानों के बारे में भी कुछ अहम जानकारी मिली है। जिस पर पुलिस अब कार्रवाई कर रही है। यह दोनों बदमाश पंजाब और दिल्ली में कुछ वारदातों को अंजाम देने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया है।