पटियालाः पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू समेत उनके गुट के नेताओं ने एकमत निर्णय लिया है कि वह पार्टी के लिए प्रचार नहीं करेंगे। ऐसे में एक बार फिर से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। दरअसल, कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में वे न तो पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करेंगे और न ही उनके साथ चलेंगे। हालांकि बीते दिन पटियाला में नवजोत सिद्धू के घर पर हुई बैठक में सिद्धू के अलावा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शमशेर सिंह दूलो, पूर्व विधायक नाजर सिंह मानशाहिया, जगदेव सिंह कमालू, महेशइंद्र सिंह के अलावा बठिंडा देहात के प्रभारी हरबिंदर लाडी व राजवीर सिंह महराज मौजूद रहे।
बैठक में शामिल मानसा से पूर्व विधायक नाजर मानशाहिया और हरविंदर लाडी ने इसकी पुष्टि की है। मानशाहिया ने कहा कि वे सभी सिद्धू की पत्नी का हालचाल जानने गए थे। इस दौरान हुई बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि जब पार्टी को जरूरत होती है तो उनको सिद्धू की याद आ जाती है लेकिन चुनाव के बाद में उनको अनदेखा कर दिया जाता है। दोनों नेताओं ने कहा कि पहले पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी और अब प्रत्याशी सिद्धू के साथ संपर्क साध पार्टी की मजबूती के लिए रैलियां करने के लिए कह रहे हैं। बैठक में मौजूद नेताओं ने कहा कि जब सिद्ध पार्टी की मजबूती के लिए रैलियां कर रहे थे तो सभी नेता उनकी रैलियों को रोकने में लगे हुए थे। यही नहीं, सिद्धू की रैलियां कराने वालों को बेवजह पार्टी से निकाल दिया गया।
उन्होंने कहा कि उनको तो अभी तक यह भी नहीं पता कि वे कांग्रेस पार्टी में हैं भी या निकाले जा चुके हैं क्योंकि इंटरनेट मीडिया से उनको पार्टी से निकाले जाने का पत्र भी मिला था, लेकिन पार्टी की ओर से आधिकारिक कोई पत्र उनको नहीं मिला। मानशाहिया ने कहा कि सिद्धू ग्रुप का कोई भी नेता पार्टी के प्रत्याशियों के हक में तब तक चुनाव प्रचार नहीं करेगा, जब तक कांग्रेस हाईकमान नवजोत सिद्धू से चर्चा नहीं करेगी और पार्टी से निकाले गए सिद्धू गुट के नेताओं को फिर से कांग्रेस में शामिल नहीं किया जाता।
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