जालंधर, ENS: करप्शन केस में फंसे विधायक रमन अरोड़ा की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही। दरअसल, करप्शन केस में लगातार विजिलेंस द्वारा नई परतें खोली जा रही है। अब विजिलेंस ने 10 लाख रुपए वसूली का एक मामला खोल दिया है। विजिलेंस अरोड़ा के संपर्क में रहने वाले अफसरों की भूमिका की जांच कर रही है, जिनके जरिये वह अपने उलटे-सीधे काम निकलवाता था। दरअसल, अब बंदा बहादुर नगर के महिंदर गुल्लू ने स्टेटमेंट में देते हुए कहा है कि विधायक ने उसे विजिलेंस का डर दिखाकर 10 लाख रुपए वसूले थे। एटीपी सुखदेव ने उसे आरटीआई एक्टिविस्ट रविंदर पाल सिंह चड्डा और विधायक से मिलने के लिए कहा था। इसके बाद वे चड्डा से मिले तो उसने 2 लाख रुपए रिश्वत ली।
विजिलेंस ने चड्डा को नामजद किया है, लेकिन चार्जशीट में कहा कि जांच चल रही है। गुल्लू ने कहा कि उन्होंने गोपाल नगर में 22 मरले रिहायशी मकान खरीदा, लेकिन उसने निगम से कॉमर्शियल करवा लिया था। इमारत की शिकायत करके पैसे मांगे थे। एटीपी सुखदेव ने नोटिस निकाला और कहा कि चड्डा और विधायक से मिलें। विधायक ने दफ्तर में मीटिंग कर दस लाख मांगे, लेकिन 5 पांच में मान गए तो मैं दे आया। 20 जून, 2022 को उसे अरोड़ा के पीए रविंदर बांसल ने वाट्सएप कॉल करके कहा कि आप के खिलाफ विजिलेंस में एक कंप्लेंट आई है। विधायक से आकर दफ्तर में मिली। वे बेटे संग विधायक से मिले तो बोले- इमारत की 87 लाख निर्माण फीस बनती है। सेटिंग कर ले, वरना विजिलेंस से एक्शन करवा देंगे।
विधायक ने 30 लाख मांग, फिर डील पांच लाख में हुई, जो मैं दे आया। गुल्लू ने कहा कि उससे दो बार डरा-धमका कर 10 लाख रुपए लिए थे। सुखविंदर लाली ने कहा कि बीएमसी चौक के पास उनकी लाली बिल्डिंग है। वे छत की मरम्मत करवा रहे थे, तो निगम कर्मी चक्कर मारने लगे। काम करने के दौरान परेशान करना शुरू कर दिया। उनके पास खुद को विधायक का पीए अशोक जसीजा बताकर कहा कि आप विधायक से मिल लें, लेकिन मैं विधायक से नहीं मिला। इसके बाद निगम ने और तंग करना शुरू कर दिया। इस बीच उसका पीए मिला तो मैंने परेशानी में कहा कि आप मेरी विधायक से बात करवा दें। उससे 20 लाख की डिमांड की गई, लेकिन विधायक 8.50 लाख रुपए मान गए थे।
लाली ने कहा कि मैं दोस्त संग विधायक को उक्त पैसे देकर आ गया था। कुछ समय काम ठीक चला और फिर तंग करना शुरु कर दिया और इमारत सील करवा दी। कमिशनर से मिलकर अपने दस्तावेज दिखाए तो उन्होंने कहा कि दस्तावेज ठीक हैं। मैं जल्द सील खुलवा दूंगा। इतना ही नहीं, अग्रवाल ढाबे के मालिक नरेश कुमार ने कहा कि एटीपी ने धक्का करते ढाबा सील करने की धमकी दी। विधायक से मिले तो उन्होंने 20 लाख मांगे, लेकिन 8 लाख में सेटिंग हो गई। बेकरी मालिक संजीव दुग्गल ने कहा कि विधायक ने डरा धमका कर तीन लाख लिए थे। यह पैसे महिला इंस्पेक्टर हरप्रीत कौर को देकर आए थे। नरिंदर अग्रवाल ने विधायक पर एक लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप लगाए है। यशपाल खत्रा ने पांच लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप की रिकार्डिंग विजिलेंस को सौंपी है।