ऊना/सुशील पंडित: बंगाणा भाजपा कार्यालय में भारतीय जनता पार्टी के राज्य अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार न केवल जनहित की योजनाओं को बंद कर रही है, बल्कि राज्य में महंगाई, भ्रष्टाचार और माफिया राज को भी खुली छूट दे रही है। डॉ. बिंदल ने कहा कि अगर समोसे और जंगली मुर्गे की जांच हो सकती है, तो चीफ इंजीनियर बिमल नेगी की रहस्यमयी मौत की सीबीआई जांच से सरकार क्यों भाग रही है? डॉ. बिंदल ने कहा कि 1980 में भाजपा के गठन के साथ ही पार्टी ने धारा 370 और 35 ए को हटाने तथा अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर निर्माण को अपना मुख्य एजेंडा बनाया था।
उन्होंने गर्व के साथ बताया कि मोदी सरकार ने इन संकल्पों को पूरा कर दिखाया है। हमारे नेता भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र पर चलते हुए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश प्रगति के नए आयाम छू रहा है। डॉ. बिंदल ने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की जनकल्याण कारी योजनाओं को बंद कर दिया है। चाहे वह हिम केयर हो, गृहणी सुविधा योजना , सुकन्या योजना, आयुष्मान योजना हो या युवाओं के लिए स्वरोज़गार योजनाएं,कांग्रेस सरकार ने सबको ठंडे बस्ते में डाल दिया है। सिर्फ खजाना खाली है का राग अलापने से जनता को राहत नहीं मिलेगी। लोगों ने कांग्रेस को गारंटी के नाम पर वोट दिया था, लेकिन अब एक भी गारंटी पूरी नहीं की जा सकी।
डॉ. बिंदल ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। हर जगह महंगाई, लूटपाट, भ्रष्टाचार, हत्या, डकैती और नशा माफिया का बोलबाला है। अधिकारी-कर्मचारी नशे की चपेट में आ रहे हैं और कई तो इसके सरगना बनते जा रहे हैं। क्या यह वही प्रदेश है जिसकी पहचान शांतिपूर्ण, स्वच्छ और ईमानदार प्रशासन से होती थी? उन्होंने कहा कि ईमानदार अधिकारियों को काम करने नहीं दिया जा रहा। चीफ इंजीनियर बिमल नेगी जैसे अधिकारी, जो अपनी ईमानदारी के लिए पहचाने जाते थे, आज आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। आखिर एक वरिष्ठ अधिकारी की संदिग्ध हालात में मौत पर सरकार सीबीआई जांच से क्यों कतरा रही है?
उन्होंने मांग की कि बिमल नेगी की मौत की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि सच सामने आ सके। डॉ. बिंदल ने दावा किया कि प्रदेश में नशा तस्करी और माफिया का गठजोड़ मजबूत होता जा रहा है।और इसमें सरकार के कुछ तंत्रों की मिलीभगत भी नज़र आ रही है। अगर सरकार समोसे और जंगली मुर्गे की खरीद की जांच कर सकती है, तो बिमल नेगी की मौत की जांच से पीछे क्यों हट रही है? इससे साफ है कि दाल में कुछ काला है। इस मौके पर भाजपा नेता दविंदर कुमार भुट्टो,जिला पार्षद सदस्य कृष्ण पाल शर्मा,बलराम बबलू आदि नेतागण मौजूद रहे।