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सरकार कई सरकारी बैंकों को मर्ज करने की तैयारी में, क्या सिर्फ इतने ही बैंक रह जाएंगे देश में?

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Bank Merger News: भारत सरकार अब बैंकिंग सेक्टर में एक और बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। सरकार छोटे सरकारी बैंकों को मिलाकर बड़े बैंक बनाने की योजना पर काम कर रही है। इससे बैंकिंग व्यवस्था को मज़बूत करने का लक्ष्य रखा गया है। आइये इसे विस्तार से जानते हैं।

क्या है सरकार की नई योजना?
नीति आयोग की सिफारिश के बाद सरकार देश के छोटे सरकारी बैंकों को बड़े बैंकों में मिलाने की तैयारी कर रही है। यह कदम “मेगा मर्जर (Mega Merger)” योजना के तहत उठाया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र जैसे छोटे बैंकों का विलय देश के बड़े बैंकों में कर सकती है।

किन बड़े बैंकों में होगा मर्जर?

सरकार का प्लान है कि इन छोटे बैंकों को बड़े सरकारी बैंकों जैसे –

-स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)

-पंजाब नेशनल बैंक (PNB)

-बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB)

-में जोड़ा जा सकता है।

योजना की ये है मौजूदा स्थिति
जानकारी के अनुसार, इस प्रस्ताव को लेकर सरकार ने रिकॉर्ड ऑफ डिस्कशन तैयार कर लिया है। अब इसे कैबिनेट मीटिंग प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के पास चर्चा के लिए भेजा जाएगा। अगर इस पर सरकार की मंजूरी मिल जाती है, तो यह मेगा मर्जर 2026-27 के वित्तीय वर्ष तक पूरा किया जा सकता है।

ग्राहकों पर क्या होगा असर?
अगर आपका खाता इनमें से किसी छोटे बैंक में है, तो मर्जर के बाद कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। बैंक का नाम और लोगो बदल सकता है। नई बैंक ब्रांच का IFSC कोड और खाता संख्या बदल सकती है। ग्राहकों को कुछ दस्तावेज़ (पासबुक, चेकबुक, एटीएम कार्ड आदि) नए बैंक से फिर से बनवाने पड़ सकते हैं।

हालांकि, सरकार और बैंक यह कोशिश करेंगे कि आम ग्राहकों को ज्यादा परेशानी न हो और सभी बदलाव आसान तरीके से पूरे किए जाएं।

मर्जर की जरूरत क्यों पड़ी?
छोटे सरकारी बैंकों के सामने कई चुनौतियाँ हैं। जैसे खर्चा बढ़ रहा है,  एनपीए (NPA) यानी खराब कर्ज लगातार बढ़ रहे हैं, लाभ कम हो रहा है। इन कारणों से सरकार चाहती है कि छोटे बैंकों को बड़े बैंकों में मिला दिया जाए ताकि–बैंकिंग सिस्टम मजबूत बने। कर्ज देने की क्षमता बढ़े। बैंकों की बैलेंस शीट मजबूत हो। कामकाज और सेवा गुणवत्ता बेहतर हो।

पहले भी हो चुका है बैंक मर्जर
यह पहली बार नहीं है जब सरकार बैंक मर्जर करने जा रही है। 2017 से 2020 के बीच, सरकार ने 10 सरकारी बैंकों का विलय कर 4 बड़े बैंक बनाए थे।

मर्जर के बाद कितने बैंक रह जाएंगे?
अगर यह नई योजना लागू हो जाती है, तो देश में केवल चार सरकारी बैंक बचेंगे –

-स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)

-पंजाब नेशनल बैंक (PNB)

-बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB)

-कैनरा बैंक

नतीजा क्या होगा?
सरकार को उम्मीद है कि इस मेगा मर्जर से भारतीय बैंक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा मजबूत बनेंगे, वैश्विक प्रतिस्पर्धा में हिस्सा ले पाएंगे और देश के आर्थिक विकास में बड़ा योगदान देंगे।

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All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

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