अलवरः शिक्षा विभाग की ओर से सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में 13 से 24 अक्टूबर तक यानी 12 दिन का अवकाश घोषित किया गया है। इस आदेश का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। प्राइवेट स्कूल वाले इस आदेश को अव्यवहारिक बता रहे हैं। इनका कहना है कि ज्यादा अवकाश के कारण सिलेबस पूरा नहीं हो पाएगा।

दिवाली के बाद सर्दियों में भी पिछले साल की तरह अवकाश घोषित हुए, तो परेशानी बढ़ जाएगी। स्कूल संचालकों का कहना है कि 13 से 24 अक्टूबर तक दिवाली का अवकाश है। इसके अगले दिन 25 अक्टूबर को शनिवार और 26 अक्टूबर को रविवार है। नवंबर, दिसंबर और जनवरी में कभी तेज सर्दी, तो कभी प्रदूषण की वजह से अवकाश घोषित होते रहेंगे। इसके अलावा किसी प्रतियोगी परीक्षा में उनके स्कूल को परीक्षा केन्द्र बना दिया, तब भी अवकाश घोषित करना पड़ेगा। ऐसे हालात में कोर्स कैसे पूरा कराएंगे।
स्कूल संचालकों का कहना है कि मौसम की अनिश्चितता और सरकारी आदेशों के चलते इस सत्र में पहले ही कई बार स्कूल बंद हो चुके हैं, इसलिए सरकार और शिक्षा विभाग को दिवाली अवकाश की अवधि कम करनी चाहिए अथवा निजी स्कूलों को इसमें छूट देनी चाहिए। ऐसा भी न हो तो कम से कम जिन बच्चों की इस साल बोर्ड परीक्षा है, उनके लिए अवकाश के दौरान कक्षाएं लगाने की अनुमति देनी चाहिए।
आदिनाथ जैन बीएड कॉलेज के अनिता सोनी ने कहा कि राजपत्रित अवकाश के साथ-साथ सर्दी, गर्मी, बारिश और कोहरे की वजह से बच्चों का अवकाश हो जाता है। इसके साथ ही दिवाली पर भी सरकार की ओर से लंबा अवकाश किया जाता है, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी। सरकार को शिविरा पंचांग में बदलाव करके दिवाली अवकाश में कटौती करनी चाहिए। इसके अलावा निजी स्कूलों को खोलने की अनुमति देनी चाहिए, ताकि सिलेबस समय पर पूरा हो सके।
स्कूलों में अवकाश अधिक होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान भी संबंधित स्कूल का अवकाश कर दिया जाता है। इस सत्र में करीब 6 दिन इसी कारण अवकाश रहा। दिवाली के अवकाश को भी कम करना चाहिए। स्कूलों में 18 अक्टूबर तक कक्षाएं लगनी चाहिए। 19 से 23 अक्टूबर तक ही अवकाश काफी है।