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अभय चौटाला की जान को खतरा ! Z+ सिक्योरिटी को लेकर हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

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चंडीगढ़ः हरियाणा में पूर्व विधायक और इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने अपने और परिवार के लिए अतिरिक्त सुरक्षा को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय से उन्हें लगातार अज्ञात व्यक्तियों, विदेशी नंबरों और अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टरों से धमकियां मिल रही हैं। चौटाला ने केंद्रीय सुरक्षा बल द्वारा सुरक्षा मुहैया कराने की भी मांग की है। चौटाला का कहना है कि अपराध जगत के खिलाफ उनके लगातार रुख और सरकार पर दबाव की वजह से वे कई गैंगस्टर नेटवर्क के निशाने पर आ गए हैं।

इस मामले को लेकर आज पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने इंडियन नेशनल लोकदल नेता अभय सिंह चौटाला की जेड-प्लस या जेड श्रेणी की केंद्रीय सुरक्षा की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया। जस्टिस त्रिभुवन दहिया ने मामले को गंभीर बताते हुए अगली सुनवाई 16 दिसंबर को तय की। अदालत ने कहा कि चौटाला द्वारा जताए गए खतरे और राज्य की कथित ‘निष्क्रियता’ पर विस्तृत जवाब आवश्यक है।

चौटाला के अनुसार, न तो सुरक्षा आकलन किया गया, न कोई समिति गठित हुई और न ही उन्हें अंतरिम सुरक्षा दी गई। उन्होंने अदालत को बताया कि स्थितियां लगातार बिगड़ रही हैं और खतरा ‘गंभीर और बढ़ता हुआ’ है। याचिका के अनुसार, अभय चौटाला ने राठी हत्याकांड के बाद सबसे पहले खुलकर सीबीआई जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने यह मुद्दा 27 फरवरी 2024 को विधानसभा के बजट सत्र में उठाया और अगले ही दिन मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि राठी की हत्या संगठित अपराध की ओर संकेत करती है।

एडवोकेट संदीप गोयत के माध्यम से दायर याचिका में बताया गया कि चौटाला वर्ष 2000 से लगातार राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं। वे कई बार एलनाबाद से विधायक चुने गए और नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं। याचिका में कहा गया कि किसान आंदोलन से लेकर कानून-व्यवस्था और राठी हत्याकांड तक, चौटाला ने कई संवेदनशील मुद्दों पर मुखर भूमिका निभाई है। उनकी ‘निर्भीक और स्पष्ट’ राजनीतिक कार्यशैली उन्हें ‘अपराधी गिरोहों के निशाने पर’ रखती है। अभय चौटाला ने दावा किया है कि न सिर्फ वे, बल्कि उनका परिवार भी बढ़ते खतरे का सामना कर रहा है।

याचिका में कहा गया है कि जीवन के अधिकार (अनुच्छेद 21) के तहत राज्य का दायित्व है कि वह नागरिक को पर्याप्त सुरक्षा दे, खासकर तब जब खतरा ज्ञात हो और उसके प्रमाण मौजूद हों। चौटाला ने हाई कोर्ट से निवेदन किया है कि उन्हें केंद्रीय एजेंसी के माध्यम से जेड-प्लस या जेड श्रेणी की 24 घंटे सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए। याचिका में आरोप लगाया गया है कि कई बार भेजे गए ‘स्पष्ट, तात्कालिक और विशिष्ट’ अनुरोधों के बावजूद राज्य सरकार ने सुरक्षा के आकलन पर विचार तक नहीं किया। उन्होंने कहा कि इस लगातार अनदेखी के बाद उन्हें न्यायालय की शरण लेनी पड़ी, जहां अब केंद्र और राज्य दोनों को विस्तृत जवाब दाखिल करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

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