…नहीं तो सीएम मान खुद मीडिया के सामने आकर करेंगे खुलासा
चंडीगढ़: पंजाब के सीएम भगवंत मान ने विभिन्न विभागों में नवनियुक्त उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र वितरित करने पर उन्हें बधाई देते हुए कहा कि मिशन रोजगार पर कहा कि मुख्यमंत्री मंत्री बैठने वाला नहीं है, लोगों में विचरने वाला है। इस दौरान सीएम मान ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि खजाना खालनी नहीं, नीयत खाली थी। पैंसे बांटने ही नहीं आते थे। सिर्फ अपने रिश्तेदारों को पैसे बांटते थे। अपने चाचा-भतीजे व साले-जीजा के खातों में पैसे जाते थे। इस दौरान सीएम मान ने बिक्रम सिंह मजीठिया पर भी जमकर निशाना साधा। अरब देश के राजा ने द्वारा अरब नस्ल के घोड़े देने के मामले में मजीठिया का घेराव किया है और मजीठिया को 5 दिसंबर तक जबाव देने के लिए चैलेंज किया है।
इस दौरान सीएम मान ने मजीठिया को चैलेंजे देते हुए कहा कि 1957 में भारत में मतदान के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल अरब देशों के दौरे पर गया था। एक अरब देश के राजा ने प्रतिनिधिमंडल को अरब नस्ल के घोड़े दिए। इस दौरान भारत के डिप्टी डिफेंस मनीस्टर ऑफ इंडिया भी साथ थे, जोकि मजीठिया के पूर्वज सुरजीत सिंह मजीठिया थे। कानून के मुताबिक वह घोड़े मेरठ पहुंचने चाहिए थे। क्योंकि मेरठ में भारत की फौज में इस्तेमाल करने के लिए जानवरों की ट्रेनिंग होती है। परन्तु 2 महीने बाद वह अरबी राजे ने दूतावास को फोन किया और पूछा कि घोड़े कैसे हैं। इस पर जब अधिकारी मेरठ गए तो उन्होंने बताया कि घोड़े यहां नहीं आए हैं।
इस पर उस राजा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री से नाराजगी जताई तो उन्होंने सुरजीत सिंह मजीठिया से इस्तीफा मांग लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भी अगर कोई महान व्यक्ति मेरठ जाता है तो लोग कहते हैं कि घोड़ा चोर आ गए। मजीठिया के परिवार ने यह इज्जत बनाई है। सीएम मान ने बिक्रम मजीठिया को जवाब देने को कहा कि वह घोड़े कहां गए इसका जवाब 5 दिसंबर तक दें नहीं तो सीएम मान खुद मीडिया के सामने आकर बताएंगे कि अरबी घोड़े कहां गए। यही नहीं सीएम मान ने ये भी कहा कि बिक्रम मजीठिया के पास कोई उपलब्धि नहीं है, वह सिर्फ और सिर्फ सुखबीर बादल के साले हैं।