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HomeEntertainmentमाया के चक्कर में ईश्वर से दूर हो रहे लोग

माया के चक्कर में ईश्वर से दूर हो रहे लोग

किशनपुरा के प्रचीन शिव मंदिर में बोले महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 वीर पुरी महाराज

सचिन बैंसल/बददी :  जूना अखाड़ा (काशी) के  महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 वीर पुरी ने कहा कि मनुष्य का जीवन एक पैकेज की तरह है। ईश्वर ने मनुष्य को जीवन देने के साथ साथ माया रूपी भौतिक सुख भी साथ में दे दिया है। जो माया व ईश्वर में संतुलन बनाता है उसका जीवन आसानी से कट जाता है लेकिन जो लोग  माया रूप भौतिक सुखों के  चक्कर में पड़ जाते है वह ईश्वर को भूलते जा रहे है। वह किशनपुरा स्थित शिव मंदिर में अपने भक्तों को प्रवचन के दौरान बोल रहे थे। 
उन्होंने कहा कि यह पृथ्वी संतो के संतलुन से टिकी हुई है। लोग मोह माया के चक्कर में पड़े हुए है और अधिक कमाई के चक्कर में लगे हुए है। जब उनके पास पैसा आ जाता है तो उन्हें उसके खर्चने का भी पता नहीं है। जिससे वह गलत लोगों के चक्कर में आकर ईश्वर को भूलते जा रहे है। वर्तमान में समाज में लोगों के चरित्र में काफी कमी आई है। चित के अनुसार की चरित्र का निर्माण होता है। जब चित सही नहीं है तो चरित्र कैसे सही हो सकता है।  ऐसे में संत रास्ते से भटके हुए इंसान को रास्ता दिखाने का कार्य भी करते है। 
उन्होंने कहा कि बीबीएन में देश के सभी राज्यों के लोग रहते है। यह स्थान पर पहले काफी स्वच्छ था। लेकिन धीरे धीरे यहां पर गंदगी फैलती जा रहा ही। यहां पर जो प्रति टनों के  हिसाब से कूड़ा निकलता है उसका निष्पादन सही तरीके से नहीं हो रहा है। जिससे यहां के माहौल रहने लायक नहीं रहा है। इसके लिए यहां का प्रशासन, सरकारें और राजनेता जिम्मेदार है। प्राकृतिक संसाधनों को लगातार दोहन होने से पर्यावरण असंतुलित हो गया है। लगातार पेड़ कट रहे है लेकिन उनके स्थान पर नहीं पेड़ नहीं लग रहे है। इस वर्ष बीबीएन मे बारिश न जो तबाही मचाई है उसके बारे में लोगों ने सोचा भी नहीं होगा। सभी पुल ताश के पत्ते के तहर ढह गए और यहां आने व जाने के रास्ते बंद हो गए। दून व नालागढ़ के पहाड़ी क्षेत्र में लोगों को मकान गिर गए यहां तक की जमीन में भी दरारे आ गई। इसके लिए मनुष्य स्वयं जिम्मेदार है। अधिक कमाने के चक्कर में आज मनुष्य ने प्रकृति के साथ भी छेड़छाड़ की है।

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