चंडीगढ़ः केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे को सिरे से खारिज कर दिया है। केंद्र ने कहा है कि ओपीएस योजना को लागू करने की कोई योजना नहीं है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में जानकारी दी कि राज्यों को एनपीएस फंड वापस नहीं किया जाएगा। बता दें कि लोकसभा सत्र में सांसद अससुद्दीन ओवैशी ने केंद्र सरकार को लेकर एक सवाल पूछा था, जिसका जवाब वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने दिया था। केंद्र के जवाब से ऐसा लगता है कि अब तक केवल राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड ने एनपीएस फंड के लिए केंद्र से संपर्क किया है, जबकि पंजाब ने कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है। एनपीएस में पंजाब का कुल फंड 16 हजार 746 करोड़ रुपए है।
भागवत कराड सरकार का पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ सरकार ने इस बारे में केंद्र सरकार / पीएफआरडीए (PFRDA) को अपने निर्णय के बारे में सूचित किया था। पंजाब सरकार ने 18 नवंबर को 2022 को पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया था। राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से एनपीएस के पैसे को वापस करने को लेकर प्रपोजल भेजा गया है।
गौरतलब है कि गुजरात चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने को मंजूरी दी थी। लेकिन अब इस योजना को लागू करने से केंद्र सरकार के साफ इंकार से मामला तूल पकड़ गया है और पंजाब सरकार के लाखों कर्मचारी फिर से इससे वंचित हो रहे हैं। उधर, पुरानी पेंशन योजना को लेकर विपक्षी पार्टियों बीजेपी, अकाली दल और कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को घेरना शुरू कर दिया है।
लेकिन पंजाब सरकार की तरफ से ऐसा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ सरकार को सूचित कर दिया गया है कि एनपीएस के पैसे को वापस करने का कोई प्रावधान नहीं है।
