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ED ने नेशनल हेराल्ड के दफ्तर को किया सील

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नई दिल्लीः नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इसके ऑफिस को सील कर दिया है। इसके साथ ही ईडी ने निर्देश दिया है कि एजेंसी की इजाजत के बिना परिसर नहीं खोला जाए। नेशनल हेराल्ड के दफ्तर पर ईडी ने ऑफिस को बिना पूर्व इजाजत नहीं खोलने का नोटिस लगाया है। ईडी ने कल मंगलवार को इस ऑफिस में तलाशी ली थी, जिसके बाद इसको सील कर दिया गया है। ईडी की टीम ने यहां दस्तावेजों की तलाशी के क्रम में यहां छापे की कार्रवाई की थी।

इससे पहले ईडी ने नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से कई राउंड की पूछताछ कर चुकी है। इसे लेकर कांग्रेस ने कड़ा विरोध दर्ज किया था। सोनिया और राहुल से ईडी की पूछताछ को लेकर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने देशभर में विरोध-प्रदर्शन किए थे। सोनिया गांधी से हुई पूछताछ के दौरान राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।

सोनिया गांधी के आवास की बढ़ाई गई सुरक्षा

इस बीच AICC मुख्यालय की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही 10 जनपथ यानी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सूत्रों की मानें तो ईडी कभी भी कांग्रेस दफ्तर पर छापेमारी की कार्रवाई कर सकती है। इन अटकलों के बीच कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, सलमान खुर्शीद, दिग्विजय सिंह, पी चिदंबरम और अन्य दिग्गज एआईसीसी मुख्यालय पहुंचने लगे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के कार्यालय और 10 जनपथ आवास के बाहर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?

नेशनल हेराल्ड अखबार को साल 1938 में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने शुरू किया था। इस अखबार को चलाने का जिम्मा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) नाम की कंपनी के पास था। शुरुआत से इस कंपनी में कांग्रेस और गांधी परिवार के लोग हावी रहे। करीब 70 साल बाद 2008 में घाटे की वजह से इस अखबार को बंद करना पड़ा, तब कांग्रेस ने एजेएल को पार्टी फंड से बिना ब्याज का 90 करोड़ रुपये का लोन दिया। 

फिर सोनिया गांधी और राहुल ने ‘यंग इंडियन’ नाम से नई कंपनी बनाई। यंग इंडियन को एसोसिएटेड जर्नल्स को दिए लोन के बदले में कंपनी की 99 फीसदी हिस्सेदारी मिल गई। यंग इंडियन कंपनी में सोनिया और राहुल गांधी की 38-38 फीसदी की हिस्सेदारी है, वहीं बाकी का शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास था।

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