नई दिल्ली : दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक गूगल पर अक्सर आरोप लगते रहते हैं कि यह दूसरे ब्रैंड्स को मार्केट में जगह नहीं ना देती। गूगल की इन प्रैक्टिसेज के चलते कंपनी को कई बार कार्रवाई का सामना भी करना पड़ा है। अब यूरोपियन यूनियन (EU) एंटीट्रस्ट रेग्युलेटर्स की ओर से गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट पर बड़ा जुर्माना लगाया गया है। EU रेग्युलेटर्स ने पाया है कि गूगल एंटी- कॉम्पिटेटिव प्रैक्टिसेज कर रही है। गूगल की परेशानी EU के इस कदम के चलते बढ़ सकती है क्योंकि इस बार कंपनी के सबसे ज्यादा कमाई करने वाला बिजनेस सवालों के घेरे में है। कंपनी के ऐडटेक बिजनेस से पिछले साल हुई इसकी कुल कमाई का 79 पर्सेट आया है और आरोप लग रहे हैं कि गूगल इस बिजनेस में बाकी कंपनियों को नहीं आने देती।
साल 2022 में कंपनी ने अपनी अलग-अलग सेवाओं से कुल 224.5 बिलियन (करीब 18 लाख करोड़ रुपये) का ऐड रेवन्यू जुटाया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, EU एंटीट्रस्ट चीफ मार्गरेट वेस्टजर ने कहा है कि गूगल को गूगल को अपने ऐडटेक बिजनेस का एक हिस्सा बेचना पड़ सकता है क्योंकि कंपनी को एंटी-कॉम्पिटेटिव प्रैक्टिसेज पर लगाम लगाने के लिए बाकी कंपनियों को जगह देनी होगी और मौका देना होगा। EU ने पिछले करीब दो साल से चल रही जांच के बाद गूगल पर कार्रवाई करने का फैसला किया है।
पहली बार नहीं है, जब गूगल पर करोड़ों रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इससे पहले EU, दक्षिण कोरिया और भारत की एजेंसियां भी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी हैं। गूगल के पास बड़ा मार्केट है और आरोप लगते हैं कि कंपनी एकाधिकार चाहती है। इसके पास एंड्रॉयड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के चलते भी बड़ा यूजरबेस है। रिसर्च फर्म Insider Intelligence की मानें तो अभी गूगल दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल एडवर्टाइजिंग प्लेटफॉर्म है और इसके पास कुल ग्लोबल ऐड रेवन्यू का 28 पर्सेट मार्केट शेयर है। कहा जा रहा है कि इसके चलते अन्य ब्रैंड्स को जगह नहीं मिल पा रही है और गूगल कॉम्पिटीशन खत्म कर रही है।
