नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति का पद इस समय खाली है। ऐसे में इस पद के लिए 9 सितंबर को चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों के लिए 7 अगस्त को नोटिफिकेशन जारी होगी। चुनावों को लेकर कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरुर ने बताया कि देश का अगला उपराष्ट्रपति वही होगा जिसको सत्ता पक्ष नॉमिनेट करेगी।
विपक्ष से सलाह लेगी सरकार
शशि थरुऱ से अगले उपराष्ट्रपति को लेकर भी सवाल किया गया है। उन्होंने कहा कि – ‘हमें इतना ही पता है कि अगला उपराष्ट्रपति वही होगा जिसको सत्ता पक्ष नॉमिनेट करेगी क्योंकि मतदाता मंडल की सरंचना पहले से ही तय की है। हमें उम्मीद है कि इस बार विपक्ष से भी सलाह ली जाएगी लेकिन ये अभी कौन बता सकता है। कांग्रेस सांसद शशि थरुर ने कहा कि उन्हें पता नहीं है कि यदि उपराष्ट्रपति कौन होगा परंतु यह तक है कि वह सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी का उम्मीदवार ही होगा’।
गौरतलब है कि जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को अचानक से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था परंतु उनका कार्यकाल 2027 तक का ही था। शशि थरुर ने कहा कि यह संसद के दोनों सदनों का चुनाव है। राष्ट्रपति चुनाव के उलट जहां राज्य विधानसभाएं भी मतदान करती हैं। उपराष्ट्रपति के लिए लोकसभा और राज्यसभा का चुनाव होता है ऐसे में हम बहुमत के बारे में पहले से ही जानते हैं। मुझे लगता है कि यह बिल्कुल साफ है कि अगला उपराष्ट्रपति सत्तारुढ़ पार्टी से नॉमिनेट व्यक्ति ही होगा। थरुर ने उम्मीद जताई है कि केंद्र सरकार अगले उपराष्ट्रपति के चयन के लिए विपक्ष से सलाह लेगी।
चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 9 सितंबर की तारीख तय की है। इसका नोटिफिकेशन 7 अगस्त को जारी होगा। नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त है। चुनाव के नतीजे वोटिंग के दिन यानी की 9 सितंबर को घोषित कर दिए जाएंगे।
देश के उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल की ओर से होता है। इसमें राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य और मनोनीत सदस्यों के अलावा लोकसभा के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। दोनों सदनों की कुल संख्या 782 है और सभी योग्य वोटर्स की ओर से अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने पर उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को जीतने के लिए 391 वोटों की जरुरत पड़ेगी।
लोकसभा में एनडीए को 542 सदस्यों में से 293 और राज्यसभा में 240 सदस्यों में 129 सदस्यों का समर्थन हासिल है। सत्तारुढ़ गठबंधन को कुल 422 सदस्यों का समर्थन हासिल है। ऐसे में अपने उम्मीदवार को उपराष्ट्रपति का चुनाव जीतने में सत्ता पक्ष को कोई भी दिक्कत नहीं होगी।
मानसून सत्र के पहले दिन दिया था इस्तीफा
अगस्त 2022 से भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के तौर पर कार्यरत जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को संसद के मानसून सत्र के पहले दिन ही इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 को खत्म होना था। उन्होंने आधिकारिक तौर पर स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद छोड़ दिया हालांकि इसके पीछे का कारण उनका केंद्र सरकार से मतभेद भी माना जा रहा है। यह तनाव इतना बढ़ गया कि धनखड़ ने जस्टिस यशवंत वर्मा के महाभियोग पर सरकार के रुख से सहमत होने से ही इंकार कर दिया।