नई दिल्लीः भारत सरकार के लगातार दबाव के बाद ब्रिटेन ने खालिस्तान पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। ब्रिटेन सरकार ने पहली बार अपने घरेलू आतंकवाद-रोधी नियमों का इस्तेमाल किया है। यूनाइटेड किंगडम (UK) ने भारत विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद पर नकेल कसते हुए एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। ब्रिटेन सरकार ने पहली बार अपने घरेलू आतंकवाद-रोधी नियमों का इस्तेमाल किया है। इसके तहत उसने एक ब्रिटिश सिख व्यापारी और उससे जुड़े एक समूह पर प्रतिबंध लगाते हुए उनकी संपत्तियों को फ्रीज कर दिया है। गुरप्रीत सिंह रेहल की संपत्ति भी जब्त की जा सकती है।
गुरप्रीत सिंह रेहल पर भारत में आतंकवाद फैलाने वाले संगठनों से जुड़े होने का आरोप है। उनकी संपत्ति फ्रीज कर दी गई है और उन्हें कंपनी निदेशक के पद से अयोग्य घोषित किया गया है। इसके तहत रेहल अब किसी भी कंपनी का निदेशक बनने या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी कंपनी का संचालन करने की अनुमति नहीं होगी। यूके के ट्रेजरी विभाग के अनुसार, गुरप्रीत सिंह रेहल बब्बर खालसा और बब्बर अकाली लहर की आतंकी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल है। उस पर आरोप है कि वह इन संगठनों के लिए न केवल वित्तीय सेवाएं मुहैया करा रहा था, बल्कि हथियारों और सैन्य सामग्री की खरीद में भी मदद कर रहा था।
इसके अलावा, वह संगठन के लिए नई भर्तियां करने और आतंकवाद को बढ़ावा देने का काम भी कर रहा था। वित्त मंत्री लूसी रिग्बी ने कहा कि आतंकवादियों द्वारा ब्रिटेन की वित्तीय प्रणाली का दुरुपयोग करने पर हम चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक कार्रवाई दर्शाती है कि हम आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए अपने पास मौजूद हर तरीके का इस्तेमाल करने के लिए तैयार हैं, चाहे वह कहीं भी हो और चाहे इसके लिए कोई भी जिम्मेदार हो। उन्होंने यह भी जोड़ा कि ब्रिटेन शांतिप्रिय समुदायों के साथ खड़ा है और हिंसा तथा नफरत फैलाने वालों का कड़ा विरोध करता है।