नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र में आज से पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ी चर्चा होने वाली है। ऐसे में संभावना यह जताई जा रही है कि सत्तारुढ़ और विपक्षी दलों के बीच तीखी टक्कर देखने को मिलेगी। इसको लेकर दोनों सदनों में 16 घंटे तक चर्चा होगी। चर्चा से पहले पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशन्या ने मीडिया के साथ बात की।
ऐशन्या ने कहा कि आज की चर्चा सिर्फ और सिर्फ आतंकवाद को खत्म करने को लेकर होनी चाहिए क्योंकि पीएम सर ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर चलता रहेगा और अब इस ऑपरेशन में आगे क्या होगा। ऐशन्या ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस मामले में राजनीति नहीं होगी। देश के अंदर और बाहर किस तरह से आतंकवाद खत्म होना चाहिए इस पर चर्चा होनी चाहिए। मेरे पति शुभम के बारे में बात हो और पहलगाम आतंकी हमले में जिन 26 लोगों ने अपनी जान गंवाई है उनको भी इज्जत मिले। किसी भी तरह की इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार से उम्मीद है कि सरकार आतंकी हमले के शिकार लोगों के लिए कुछ तो करेगी और उन्हें शहीद का दर्जा देगी लेकिन इस दौरान जब ऐशन्या से यह पूछा गया कि चर्चा से पहले एक पूर्व वित्त मंत्री ने यह बयान दिया है कि आतंकी हमले को अंजाम देने वाली पाकिस्तानी नहीं थे। इस पर ऐशन्या ने कहा कि जब तक इनके परिवारों के साथ ऐसा नहीं होगा तब तक नेता खुलकर बोल नहीं पाएंगे।
ऐशन्या ने कहा कि पाकिस्तान आंतकियों को पनाह देता आया है। ऑपरेशन सिंदूर के लिए भारतीय आर्मी को धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा कि – मैं जवानों के साथ मिली हूं उनके अंदर हमले को लेकर गुस्सा है। हमारी आर्म फोर्स मजबूत है परंतु आतंकी कायर है।
आतंकवाद के खिलाफ क्या कदम उठाए जा रहे हैं
आगे उन्होंने कहा कि आज की चर्चा इस पर भी होनी चाहिए कि हम पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ आखिर क्या कदम उठा रहे हैं। ऐसे में आज का दिन सिर्फ पहलगाम में मारे हुए लोगों के लिए होना चाहिए। ऐशन्या ने कहा कि पाकिस्तान में घुसकर कई आतंकी कैंपों को खत्म कर देना कार्रवाई है। ऑपरेशन सिंदूर एक बड़ा ऑपरेशन था मुझे आज सरकार से बहुत उम्मीद है। आतंक तभी खत्म होगा जब ऑपरेशन चलेगा हमारे जवान बहुत मजबूत हैं।
ऐशन्या ने सीजफायर पर ट्रंप की भूमिका पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत के अंदर डर नहीं है। ट्रंप के मन में कुछ चीेजें होगी। शायद यही कारण था कि सीजफायर हुआ है। ऐसे में उन्हें भी 26 लोगों को ध्यान में रखकर ही काम करना चाहिए। मुझे भारतीय सेना पर गर्व है।