चंडीगढ़ः नगर निगम की टीम द्वारा इस वित्त वर्ष में रिकार्ड प्रापर्टी टैक्स जुटाया गया। निगम इतिहास में यह अभी तक की सबसे बड़ी राशि है। दरअसल, यह आंकड़ा 81 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। हालांकि प्रापर्टी टैक्स कलेक्शन अधिक होने की एक मुख्य वजह टैक्स की दर बढ़ना भी है। अब भी निगम के 20 से अधिक डिफाल्टरों पर करीब 200 करोड़ रुपये बकाया हैं। इनमें सरकारी संस्थानों के साथ निजी कामर्शियल प्रापर्टी भी शामिल हैं। वहीं संपदा विभाग ने सेक्टर-17ए के होटल ताज को बिल्डिंग वॉयलेशन का शोकॉज नोटिस जारी किया है।
प्रशासन ने होटल प्रबंधन को चंडीगढ़ एस्टेट रूल्स 2007 और कैपिटल ऑफ पंजाब (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) एक्ट 1952 के तहत शो कॉज नोटिस जारी करते हुए 18 से अधिक अवैध निर्माण और उपयोग-परिवर्तन पाए जाने पर कार्रवाई की गई है। नोटिस के अनुसार होटल प्रबंधन ने बिना किसी अनुमति के बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर और ओपन एरिया में बड़े पैमाने पर बदलाव किए, जो स्वीकृत नक्शे का सीधा उल्लंघन है। यह नोटिस सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट एसडीएम सेंट्रल की तरफ से जारी किया गया है, जिसकी कापियां एसडीओ (B), सेंट्रल रिकाॅर्ड रूम को भी भेजी गई हैं।
नोटिस मेसर्स पंजाब होटल लिमिटेड और मेसर्स ताज जीवीके होटल एंड रिजॉर्ट्स लिमिटेड के नाम पर भेजा गया है। संपदा विभाग की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि होटल ताज ने बेसमेंट में 4015 स्क्वॉयर फीट और ग्राउंड फ्लोर पर 12,659.35 स्क्वॉयर फीट क्षेत्र में गंभीर बिल्डिंग वॉयलेशन की है। विभाग के अनुसार यह निर्माण नियमों के विपरीत है, जिसके बाद अब होटल प्रबंधन को जवाब देने और वॉयलेशन हटाने के निर्देश दिए गए हैं। हाल ही में संपदा विभाग ने शहर के सबसे बड़े नेक्सस एलांते मॉल में भी बिल्डिंग वॉयलेशन पर कार्रवाई की थी, जिसके बाद अब होटल ताज पर शिकंजा कसा गया है।
नोटिस के अनुसार, होटल को सभी अनधिकृत बदलाव दो महीने के भीतर हटाने होंगे। इसके अतिरिक्त होटल पर Rs. 6 प्रति स्क्वेयर फीट प्रति दिन का चार्ज भी लगाया गया है, जो उल्लंघन की पूरी अवधि के लिए वसूला जाएगा। चार्ज न भरने पर इसे भूमि राजस्व की बकाया राशि की तरह वसूला जाएगा। प्रशासन ने होटल प्रबंधन को नोटिस जारी कर 15 दिन के अंदर अपना पक्ष रखने को कहा है।होटल प्रबंधन को 09 दिसंबर 2025 दोपहर 2:30 बजे व्यक्तिगत रूप से सुनवाई में उपस्थित होने का मौका दिया गया है।