कोलकाताः बंगाल की खाड़ी में आए तूफान के कारण नाव डूब गई। जिसके कारण 15 साथियों के साथ रवीन्द्रनाथ समुद्र में फंस गया। दरअसल, पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना ज़िले का व्यक्ति रहने वाला ये शख्स अपने 15 साथियों के साथ बंगाल की खाड़ी में हल्दिया के पास मछली पकड़ने गया था। तभी अचानक समुद्र का रुख बदल गया तेज़ तूफान उठा, लहरें बेकाबू हो गईं और देखते ही देखते ट्रॉलर पलट गया।
जिसके बाद हर कोई समंदर की विशाल लहरों में बह गया, वहीं रवीन्द्रनाथ भी लहरों में बह गया, लेकिन वो डरने वाला नहीं। पेशे से मछुआरा होने के कारण पानी उसका दुश्मन नहीं, साथी था और उसने हार नहीं मानी। इस घटना के बाद 5 दिन तक रवीन्द्रनाथ समंदर में अकेले तैरता रहा, न खाना, न पीने का पानी, सिर्फ़ ज़िंदा रहने की जिद मन में ठान रखी थी। जब बारिश होती, वो वर्षा जल पीकर खुद को जीवित रखता। हर पल मौत नज़दीक थी, लेकिन हिम्मत उससे ज़्यादा मज़बूत थी।
5वें दिन… क़रीब 600 किलोमीटर दूर, बांग्लादेश के कुतुबदिया द्वीप के पास, एक जहाज़ ‘एमवी जवाद’ गुजर रहा था। जहाज़ के कप्तान ने दूर से समंदर में कुछ हिलता देखा। जिसके बाद ‘एमवी जवाद’ में मौजूद कैप्टन ने ध्यान से देखा कि कोई इंसान तैर रहा था। कप्तान ने फ़ौरन एक लाइफ जैकेट फेंकी, लेकिन रवीन्द्रनाथ तक वो नहीं पहुंची। फिर भी कप्तान रुके नहीं, उन्होंने सीमाओं, धर्मों, जातियों की रेखाओं को भुलाकर सिर्फ़ एक चीज़ देखी वो थी इंसान। कुछ दूरी पर रवीन्द्रनाथ फिर नज़र आए, और इस बार कप्तान ने जहाज़ घुमा दिया। लाइफ जैकेट फेंकी, और इस बार रवीन्द्रनाथ पकड़ने में कामयाब रहे।
एक क्रेन से उसे ऊपर खींचा गया थका हुआ, अधमरा, लेकिन ज़िंदा। जब वो जहाज़ पर चढ़ा, तो पूरे जहाज़ के नाविक खुशी से चिल्ला उठे।वो सिर्फ़ एक इंसान को नहीं, इंसानियत को ज़िंदा देख रहे थे। उस लम्हे का वीडियो जहाज़ के एक नाविक ने रिकॉर्ड किया और वो दृश्य आज भी देखने वालों की रूह तक को हिला देता है।