Loading...
- Advertisement -
HomeBreaking Newsआयुष्मान योजना की चौंकाने वाली रिपोर्ट, मरे हुए' लोगों के इलाज पर...

आयुष्मान योजना की चौंकाने वाली रिपोर्ट, मरे हुए’ लोगों के इलाज पर खर्च हो गए 6.9 करोड़ रुपये

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

नई दिल्लीः आयुष्मान भारत योजना को लेकर भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की एक और चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें बताया गया है कि कुल 3,446 ऐसे मरीजों के इलाज पर कुल 6.97 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जो पहले ही मर चुके थे। डेटाबेस में इन सभी मरीजों को मृत दिखाया गया है। ये पहला मौका नहीं है जब आयुष्मान भारत योजना को लेकर ऐसी रिपोर्ट सामने आई हो, इससे पहले भी सीएजी की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि करीब 7.5 लाख से ज्यादा लोगों को एक ही मोबाइल नंबर पर रजिस्टर कर दिया गया और वो नंबर भी अमान्य था। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को साल 2018 में शुरू किया गया था। इसका मकसद गरीबों को मुफ्त इलाज देना था, जिसे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शुरू किया गया।

डेटाबेस से हुआ खुलासा

सीएजी ने जब आयुष्मान भारत योजना के डेटाबेस का ऑडिट शुरू किया तो इसमें की तरह की अनियमितताएं पाई गईं, बताया गया कि ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ स्कीम में पहले से मृत घोषित मरीजों का इलाज लगातार जारी था और उनके इलाज के लिए पैसों का भुगतान भी किया जा रहा था। यानी आयुष्मान भारत योजना के तहत इन हजारों मरीजों का इलाज होता दिखाया जा रहा था। देशभर के अलग-अलग अस्पतालों में कुल 3,446 मरीज ऐसे थे, जिनके इलाज के लिए अस्पतालों को 6.97 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था।

केरल में ऐसे सबसे ज्यादा मरीज

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक केरल में ऐसे मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा थी। यहां कुल 966 ऐसे मरीज पाए गए, जिन्हें मृत घोषित करने के बावजूद उनका इलाज जारी था। इनके इलाज पर 2,60,09,723 रुपये का भुगतान अस्पतालों को किया गया। इसके बाद मध्य प्रदेश में 403 और छत्तीसगढ़ में 365 ऐसे मरीज मिले। जिनके इलाज पर लाखों रुपये खर्च हुए। फिलहाल योजना के तहत जो गाइडलाइन बनाई गई हैं, उनके मुताबिक अगर किसी मरीज की अस्पताल में भर्ती होने और डिस्चार्ज होने के बीच मौत हो जाती है तो ऑडिट के बाद अस्पताल को इसका भुगतान किया जाता है। 

पहले ही दी गई थी जानकारी

सीएजी रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि 2020 में ऐसी खामियों को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) को जानकारी दी गई थी, जिसके कुछ महीने बाद उनकी तरफ से कहा गया था कि सिस्टम में खामी को ठीक कर दिया गया है जिसके बाद मृत दिखाए गए शख्स के इलाज के लिए फंड जारी नहीं किया जा सकता है। हालांकि ये दावा गलत था और इसके बाद भी योजना के कई लाभार्थियों को इलाज के दौरान मृत दिखाया गया था। जिससे पता चलता है कि सिस्टम की खामियों को दूर नहीं किया गया।

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest News

- Advertisement -
- Advertisement -

You cannot copy content of this page