अमृतसरः शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह को सौंपे गए पत्र को श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा जनतक कर दिया गया है। दरअसल, अकाली दल के बागी गुट ने 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब के सचिवालय में आकर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को माफीनामा पत्र जारी किया था। इस दौरान उसमें 2007 से अक्टूबर 2015 तक हुई घटनाओं के संबंध में सुखबीर सिंह बादल को दोषी ठहराया गया था।
जिसके बारे में पंज सिंह साहिबों ने अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल से 15 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा था। जिसके मद्देनजर 24 जुलाई 2024 को शिरोमणि अकाली दल के नेताओं और अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल ने श्री अकाल तख्त साहिब को बंद लिफाफा में स्पष्टीकरण दिया था। जिसके बाद संगत लगातार मांग की जा रही थी कि बंद लिफाफे के स्पष्टीकरण सार्वजनिक किया जाए और आज अकाल तख्त के सचिव साहिब सिंह ने मीडिया से बात करते हुए अकाली दल द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण को सार्वजनिक कर दिया। उन्होंने कहा कि इस बारे में अकाल तख्त तख्त साहिब के साहिब जत्थेदार जल्द ही पंज सिंह साहिबानों के साथ बैठक कर अपना फैसला सुनाएंगे।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मौजूदा प्रधान ने अपने स्पष्टीकरण में लिखा है कि 24 सितंबर 2015 को श्री अकाल में सिंह साहिबों की सभा में डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के मामले में गुरमता किया गया था। जिसके बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष अवतार सिंह के आदेश पर मुख्य सचिव हरचरण सिंह द्वारा विज्ञापन जारी किए गए।
वहीं, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपनी सफाई में कहा है कि अकाली दल के कुछ नेताओं की ओर से श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को माफी पत्र सौंपा गया था। जो भी उनके खिलाफ लिख कर दे दिया गया है, बस वह सब अपनी झोली में डालते हैं और जो कुछ श्री अकाल तख्त साहिब देगा वह उन्हें मंजूर होगा। उन्होंने इस माफीनामे में उनके पिता और तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के लिखे पत्र को भी जोड़ा है और उसका भी हवाला दिया है। सुखबीर ने कहा कि मेरी प्रार्थना है कि अकाल पुरख पंथ और पंजाब को हमेशा चढ़दी कलां में रखें।