मानसाः मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या को 2 साल से अधिक समय हो चुका है, लेकिन अभी तक मामले को लेकर जांच चल रही है। वहीं मूसेवाला के आरोपियों कोलेकर पिता बलकौर सिंह में अभी भी रोष पाया जा रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया। जिसमें उन्होंने बेटे सिद्धू मूसेवाला की हत्या में न्याय मिलने में देरी की बात कही है। उन्होंने न्यायप्राप्ति में हो रही देरी, पक्षपात और अपने परिवार की निजता के उल्लंघन पर तीखा आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि “जवाब मायने तभी रखते हैं जब समय पर दिए जाएं” और कानून के बावजूद निष्पक्षता का सवाल बना रहता है।
सिद्धू के पिता बलकौर सिंह ने कहा कि वे जवाब मायने नहीं रखते जो समय पर न दिए जाएं, पर कानूनी तौर पर हर नागरिक को अपना पक्ष रखने का अधिकार है, लेकिन वह पक्ष कितना निष्पक्ष है, यह अलग बात है। कहते हैं कि सुख का पर्दा और आमदनी का पर्दा, ये कुछ अहम परदे हर इंसान को रखने चाहिए, लेकिन हमारे साथ तो कुछ भी हमारे पक्ष का नहीं हुआ। मुझे लगता है कि मेरे बेटे का ही शायद ऐसा कत्ल है जिसके कातिल तक ने भी इंटरव्यू किए हैं। अगर मेरे परिवार ने इंसाफ का पक्ष रखा, तो उसे भी यह कहकर दरकिनार कर दिया गया कि हमें तो इंसाफ ही नहीं चाहिए। और अब हमारे हक की मेहनत के लिए अगर हम सवाल करें, तो उस अर्जी के निजी पक्ष को सार्वजनिक कर दिया गया।
पर एक बात है, जब सहने वाले बोलने लग जाएं, तो वे अक्सर हर किसी की आंख में खटकने लगते हैं। हमारे साथ और कितना धक्का, और कितने धोखे बाकी हैं जो करने हैं? हम अपनी उम्र के लिहाज से बहुत कुछ सह रहे हैं। आज हमारी आमदनी को लेकर जो बातें हो रही हैं, उन पर मैं यही कहना चाहता हूं कि यह मेरी, मेरे परिवार की, और मेरे पुत्र की दिन-रात की तपस्या है, और मेरे बच्चे के शब्दों का मूल्य किसी भी अंक में मापा नहीं जा सकता। मेरे भी परिवार के सदस्य हैं जो हमेशा मेरी ओर उम्मीद से देखते हैं कि मैं इन मुश्किलों को सुलझा सकता हूं। पर आखिर कब तक हम यह सब सहें? कब तक हम ही तड़पें?