कलानौरः जिला गुरदासपुर में बाढ़ के बीच चल रहे राहत कार्यों के दौरान एक रोचक घटना सामने आई। विवाह के दिन दुल्हन बाढ़ में फंस गई और उसके जीवन के महत्वपूर्ण पल बाढ़ के पानी में डूबते प्रतीत होने लगे। इसी बीच महिला एसडीएम किसी देवदूत की तरह आईं और नाव से उसे सुरक्षित बाहर निकाल लाईं। एसडीएम कलानौर ज्योत्सना सिंह के साहसिक प्रयास से लड़की विवाह मंडप तक पहुंचकर विवाह के बंधन पाई।
कलानौर के निकट गांव शाले चक की निवासी युवती करमी का विवाह बटाला के एक युवक से तय हुआ था। रात को आई बाढ़ के कारण गांव शाले चक पानी में घिर गया। अगली सुबह करमी का विवाह था, लेकिन बाढ़ के आगे परिवार की एक नहीं चल रही थी। लड़की का विवाह कलानौर में होना था। उधर, दुल्हे सहित बरात बटाला से कलानौर रवाना हो चुकी थी। कोई रास्ता न होने पर लड़की के पिता बुआ मसीह ने अपने गांव के सरपंच को अपनी मुश्किल बताई। सरपंच ने उसी समय एसडीएम कलानौर को फोन करके सहायता मांगी।
एसडीएम ज्योत्सना सिंह को जब यह पता चला कि एक लड़की चूड़ा पहनकर सभी शगुन विधियों को पूरा करके अपने विवाह के लिए तैयार है, लेकिन बाढ़ का पानी रास्ता रोक रहा है तो वह एनडीआरएफ की टीम लेकर नाव में सवार होकर गांव शाले चक पहुंचीं। एसडीएम ने गांव पहुंचकर लड़की को बधाई दी और उसे पारिवारिक सदस्यों के साथ नाव में सवार करवा कलानौर ले गईं जहां पूरी धूमधाम से उसका विवाह संपन्न हुआ। लड़की के परिवार ने इस कठिन समय में मदद करने के लिए जिला प्रशासन व एसडीएम कलानौर ज्योत्सना सिंह का आभार जताया है।