मोहालीः पंजाब शिरोमणि अकाली दल के नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच पूरी करके 18 मार्च तक चालान पेश करने को लेकर कहा है। जिसके चलते बीते दिन स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने 2021 के ड्रग्स मामले में 8 घंटे पूछताछ की। इतना ही नहीं, आज एक बार फिर से एसआईटी ने मजीठिया को पेश होने के लिए बुलाया गया है। हालांकि बीते दिन 8 घंटे चली पूछताछ के बाद बाहर निकलते ही बिक्रम मजीठिया एक बार फिर सरकार पर जमकर बरसे।
वहीं, बीते दिन जांच कमेटी के सदस्य वरुण शर्मा ने बताया कि बिक्रम सिंह मजीठिया और उनके परिवार से जुड़ी कुछ फर्मों के संदेहास्पद वित्तीय लेन-देन के सुराग मिले हैं। जिस समय का यह मामला है, उस दौरान इन फर्मों में बड़ी मात्रा में नकद जमा किया गया था और विदेशी कंपनियों के साथ भी वित्तीय लेन-देन हुए थे। SIT ने इन लेन-देन और नकद जमा के स्रोतों पर भी सवाल उठाए हैं। इस केस में शामिल चार आरोपियों में से तीन आरोपी विदेश में हैं, और उन्हें भारत लाने व कानूनी प्रक्रिया का सामना करवाने के लिए “ब्लू कॉर्नर नोटिस” सहित सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
बता दें कि मजीठिया को पटियाला पुलिस लाइन में बुलाया गया था। 6 दिन पहले रोपड़ रेंज के DIG एचएस भुल्लर के नेतृत्व वाली SIT ने सीआरपीसी की धारा 160 के तहत उन्हें समन जारी किए थे। बाहर निकलते ही मजीठिया ने कहा कि ये चौथी कमेटी है, जिसके सामने वे पेश हुए और कोर्ट में सरकार ने कहा कि मजीठिया सवालों के जवाब नहीं दे रहे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद किया। बिक्रम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि 17 या 18 मार्च को जांच कमेटी के सामने पेश हों और जांच पूरी की जाए। इसके बाद कमेटी को कोर्ट में चालान पेश करने के आदेश दिए गए हैं।
जिसके बाद 4 मार्च 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की याचिका पर सुनवाई की थी। जिसमें पंजाब सरकार ने बिक्रम मजीठिया की जमानत को रद्द करने की मांग रखी थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने बिक्रम मजीठिया को SIT के सामने पेश होने का आदेश दिया था। कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि 17 मार्च की सुबह 11 बजे बिक्रम मजीठिया को SIT के सामने पेश होना पड़ेगा। अगर जरूरत हुई तो 18 मार्च को भी पेश होना होगा।
वहीं सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने आरोप लगाया कि मजीठिया पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे। वहीं, बिक्रम मजीठिया ने दावा किया कि उन्हें राजनीतिक कारणों से परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कोर्ट से पूछताछ के लिए तय तारीखें निर्धारित करने की अपील की। दरअसल, पंजाब पुलिस के बर्खास्त DSP जगदीश भोला को पकड़े जाने के बाद मजीठिया का नाम सामने आया। जगदीश भोला ने आरोप लगाया कि बिक्रम मजीठिया ड्रग्स रैकेट में शामिल थे। अमृतसर की फार्मा कंपनी के बिट्टू औलख और जगदीश चहल की गिरफ्तारी के बाद भी मजीठिया का नाम सामने आया। जगदीश चहल ने पूछताछ में खुलासा किया कि हवाला के जरिए मजीठिया ने 70 लाख रुपए का लेन-देन किया था।