नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से अपील की है कि वह पंजाब में निजी अस्पतालों का बकाया जल्द से जल्द चुकाएं। पंजाब में निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं ने राज्य सरकार से बकाया न मिलने के कारण सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत कैशलेस इलाज को रोकने की घोषणा की है।
पंजाब में प्राइवेट हॉस्पिटल और नर्सिंग होम एसोसिएशन (पीएचएएनए) ने जिन स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत कैशलेस इलाज को रोकने की घोषणा की है उसमें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना भी शामिल है। पीएचएएनए ने कहा है कि पंजाब में निजी स्वास्थ्य सेवाएं तभी इन योजनाओं में हिस्सा लेंगी जब राज्य सरकार सभी बकाया राशि चुका देगी। यह कदम राज्य सरकार के 600 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान न करने के कारण उठाया गया है।
I urge Shri @BhagwantMann to clear the dues of the hospitals as soon as possible, for there are many families, especially our hardworking farmers, benefitting under the Ayushman Bharat programme. Instead of cheering on the party unit in Delhi, it would suit to CM Bhagwant Mann to…
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) September 20, 2024
जे.पी. नड्डा ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “आयुष्मान भारत योजना आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा देने के लिए बनाई गई थी, और आज पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार की कुप्रबंधन के कारण लोग मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हो गए हैं।”
उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से सवाल किया, “मुख्यमंत्री मान की सरकार ने निजी अस्पतालों का बकाया क्यों नहीं चुकाया? चुनाव से पहले उन्होंने और अधिक क्लीनिक और स्वास्थ्य केंद्रों का वादा किया था, लेकिन आज उनकी सरकार गरीबों के लिए काम नहीं कर रही है।”
नड्डा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर भी एक पोस्ट किया और कहा, “मैं मुख्यमंत्री मान से अपील करता हूं कि वह जल्द से जल्द अस्पतालों का बकाया चुकाएं, क्योंकि बहुत से परिवार, खासकर हमारे मेहनती किसान, आयुष्मान भारत योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। दिल्ली में पार्टी इकाई को समर्थन देने के बजाय, मुख्यमंत्री मान को पंजाब की बिगड़ती स्थिति पर ध्यान देना चाहिए।”
उल्लेखनीय है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार 2023 से गंभीर आर्थिक संकट में है, क्योंकि राज्य का कर्ज बढ़ रहा है और राजस्व घटता जा रहा है, जबकि सब्सिडी की लागत बढ़ रही है।
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