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Punjab: Rajindra Hospital में टार्च की रोशनी में मरीज का ईलाज कर रहे डॉक्टर, देखें वीडियो

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मरीजों के परिजनों ने लगाया धरना

पटियालाः जिले के राजिंदरा अस्पताल में देर रात लाइट जाने से मरीज और परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। लाइट जाने से अस्पताल में ब्लैक आउट हो गया। वहीं देर रात मरीजों के परिजनों ने Emergency के बाहर देर रात धरना लगाकर प्रदर्शन किया। इसकी वीडियो भी सामने आई है। इस दौरान एक तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें डॉक्टर टार्च के जरिए मरीज का ईलाज कर रहे है। देर रात अस्पताल में लाईट जाने से अस्पताल प्रशासन पर मरीजों के परिजनों द्वारा कई गंभीर आरोप लगाए गए।


जानकारी देते हुए मरीजों के परिवार वालों ने कहा कि लगभग 2 घंटे हो गए हैं यहां पर बिजली गुल है। प्रशासन की तरफ से यहां कोई प्रबंध नहीं किए गए। मरीजों के लिए कोई जनरेटर की सुविधा भी नहीं दी जा रही। वहीं एक मरीज ने आरोप लगाए है कि डॉक्टर ने उसके पिता को लेकर टेस्ट करने के लिए लिखकर दे दिए। जिसके बाद परिजन का आरोप है कि उसने कहा कि वह टेस्ट कहां से करवाए तो डॉक्टर ने उसे कहा कि वह मरीज को कहीं ओर ले जाए। परिजन का आरोप है कि ऐसे में उसकी क्या गलती है।

पातड़ा से आए रामपाल ने आरोप लगाए है कि एक वार्ड में लाइट है जबकि 2 वार्ड में लाइट नहीं है। पीड़ित के परिजन ने कहाकि उसके पिता को सांस लेने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं अब लाइट नहीं है ऐसे में अगर उसके पिता को कुछ हो जाए तो कौन जिम्मेदार होगा। वहीं समाना से आए कर्मजीत ने कहा कि उसकी माता को लीवर की दिक्कत है। परिजन ने आरोप लगाए हैकि अगर अस्पताल में यह हालात है तो गरीब व्यक्ति कहां जाकर ईलाज करवाएं। उन्होंने कहा कि इस हालत में वह मरीज को कहां लेकर जाएं। ऐसे में लोगों ने धरना लगाते हुए अस्पताल में जरनेटर के पुख्ता प्रबंध करने की सरकार से अपील की है।

बताया जा रहा है कि गायनी वार्ड में डॉक्टरों ने मोबाइल टॉर्च की मदद से एक डिलीवरी करवाई। मामले की गंभीरता को देखते हुए जहां चीफ सेक्रेटरी अनुराग वर्मा ने मामले की जांच के आदेश जारी किए हैं, वहीं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने खुद अधिकारियों के साथ मीटिंग करके इस समस्या के स्थाई हल पर चर्चा की। गौरतलब है कि अस्पताल के 25 वार्डों में आमतौर पर 12 से 15 मरीज अलग-अलग बीमारियों के कारण दाखिल रहते हैं। हालांकि स्वास्थ्य मंत्री का दावा है कि अस्पताल के पास पावर बैकअप के लिए 20 जेनरेटर मौजूद हैं, लेकिन वह केवल इमरजेंसी और इमरजेंसी वार्ड के लिए ही हैं, जबकि अन्य वार्डों के लिए पावर बैकअप की कोई सुविधा नहीं है।

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