रुपनगरः पंजाब में गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के बेटे और भतीजे के नाम पर जमीन का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। दरअसल, रूपनगर जिले के कुछ किसानों ने तत्कालीन सरकार पर धक्केशाही का आरोप लगाया है। सीएम भगवंत मान द्वारा गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के बेटों को आवंटित की गई जमीन को लेकर आज एक नया खुलासा हुआ है। दरअसल, रूपनगर जिले के गांव सनाना स्थित 154 कनाल 15 मरले जमीन वक्फ बोर्ड की है। जिसका पता गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी और भतीजे उमर अंसारी का बताया गया है। वक्फ बोर्ड के तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी अब्दुल रशीद उस्मानी ने कहा कि नीलामी का विज्ञापन 2019 में अखबारों में दिया गया था और जिसमें सबसे अधिक बोली लगाने वाले अब्बास अंसारी और उमर अंसारी को नियमानुसार जमीन आवंटित की गई थी।
वक्फ बोर्ड के तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी अब्दुल रशीद उस्मानी ने कहा कि इस जमीन का पट्टा 2022 के दौरान नवीनीकृत किया गया था। जिस दौरान पूरी प्रक्रिया कानूनी तरीके से की गई। लेकिन अब किसानों ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। गांव सुनाना के किसान जसमेर सिंह, गुरदयाल सिंह, जगविंदर सिंह और गुरचरण सिंह ने दावा किया कि पुलिस और प्रशासन के इशारे पर उनसे जबरन जमीन का कब्जा ले लिया गया है। पंजाब वक्फ बोर्ड रूपनगर के वर्तमान ईओ बहार अहमद ने दावा किया कि अब्बास अंसारी और उमर अंसारी को जमीन का पट्टा देते समय पूरी प्रक्रिया नियमों के मुताबिक हुई है।
बता दें कि कुछ दिन पहले सीएम भगवंत मान इस जमीन को लेकर मुद्दा उठाया था। जिसमें उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर जमकर निशाना साधा था। हालांकि इस मामले के बाद कैप्टन अमिरंदर सिंह ने आरोपों को खारिज किया था। जिसके बाद सीएम मान ने एक बार फिर यूपी के गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह जहां रोपड़ जेल में अंसारी से मिलने की बात से इनकार कर रहे है वहीं उनको अपने बेटे से पूछना चाहिए वो कितनी बार मुख्तार अंसारी से मिला। सीएम मान ने कहा कि अंसारी की पत्नी भी यहां मिलने आती थी 2-2 महीने तक यहां रहती थी। कैप्टन सरकार में अंसारी की खूब सेवा की गई।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि अंसारी को जिस केस में पंजाब लाया गया था उसका कोई अता-पता ही नहीं था। फिर यूपी में अंसारी को सजा सुनाई जानी थी तो उन्होंने पंजाब सरकार से संपर्क किया और कहा कि वो थ्रेट की एफआईआर करवाकर उसे यूपी ले आए। लगभग 25 बार यूपी की तरफ से अंसारी को भेजने के लिए कहा गया, लेकिन पंजाब सरकार हर बार कोई ना कोई बहाने बनाती रही कभी कहती कि सर्वाइकल की प्रोब्लम की वजह से वो सफर नहीं कर सकता कभी कोई और बहाना। लेकिन जब यूपी सरकार अंसारी को वापस लेने के लिए कोर्ट पहुंची तो अंसारी को रोकने के लिए कैप्टन सरकार ने वकील हायर किए। वकील की फीस 55 लाख रुपए बन गई उनके पास जब वो वकीलों की फीस का बिल आया तो उन्होंने कहा कि वो सरकारी खजाने से क्यों दें। जिन्होंने बिना किसी कारण के अंसारी को यहां रखा वो इसका बिल दें।
सीएम मान ने आरोप लगाते हुए कहा कि रोपड़ में वक्फ बोर्ड की जमीन पर मुख्तार अंसारी के बेटे और भतीजे के नाम पर है। आवास अंसारी एंड उमर अंसारी के नाम पर रोपड़ में वक्फ बोर्ड की जमीन है। बाकी रणइंदर सिंह को पता होगा कि यह कौन-कौन हैं। सीएम मान ने आगे कहा कि कैप्टन उनपर आरोप लगाते कि मुझे सरकार नहीं चलानी आती, तो क्या ऐसे सरकारें चलती है। उनका 9 साल का और मेरा सिर्फ डेढ़ साल एक्सपीरिएंस है, वकीलों की पेमेंट तो होकर रहेगी लेकिन उनकी ही जेब से होगी।
