नई दिल्ली: प्राइवेट सेक्टर लेंडर ICICI बैंक के बचत खाते में अब करीबन बैलेंस आपको 5000 रुपये तक का रखना पड़ेगा। यह नियम 9 अगस्त 2025 से लागू हो जाएगा। पहले अमाउंट 1000 रुपये था ऐसे में यदि आप मिनिमम बैलेंस नहीं रखते हैं तो आपको जुर्माना देना पड़ेगा।
इतना मिनिमम बैलेंस रखना जरुरी
मेट्रो और शहरी इलाकों में अब कम से कम 50 हजार, अर्द्ध-शहरी इलाकों में 25 हजार और ग्रामीण क्षेत्र वाले सेविंग अकाउंट में कम से कम 10 हजार बनाए रखने पड़ेंगे। पहले मेट्रो और शहरी इलाकों वाले सेविंग अकाउंट में कम से कम 10 हजार रुपये बनाए रखने की जरुरत थी। इस फैसले के साथ अब घरेलू बैंकों में सबसे ज्यादा मिनिमम अकाउंट बैलेंस आईसीआईसी बैंक है।
बाकी बैंकों के बचत खाते में इतना मिनिमम बैलेंस
इस फैसले के बाद अब आईसीआईसीआई बैंक के बचत खाते में सबसे ज्यादा न्यूनतम बैलेंस की सीमा 50 हजार रुपये हो चुकी है। वहीं पब्लिक सेक्टर के बैंक एसबीआई ने साल 2020 में ही मिनिमम बैलेंस की लिमिट को हटा दिया था। ऐसे में बैंक ने यह नियम ही खत्म कर दिया था। दूसरी ओर बाकी बैंकों ने ऑपरेशन कॉस्ट को मैनेज करने के लिए अब ये नियम खत्म कर दिया था। वहीं दूसरी ओर बाकी बैंकों ने ऑपरेशन कॉस्ट को मैनेज करने के लिए सेविंग अकाउंट में कम से कम 2000 रुपये से 10 हजार रुपये तक के मिनिमम बैलेंस की लिमिट रखी है।
HDFC की लिमिट
देश के सबसे बड़े प्राइवेट सेक्टर की अगर बात करें तो मेट्रो और शहरी इलाकों वाले ब्रांचेज के सेविंग अकाउंट में कम से कम 10 हजार रुपये, अर्द्ध शहरी क्षेत्र के बैंकों में 5000 रुपये और गांवों के ब्रांचेज के लिए 2500 रुपये रखने जरुरी है।
मिनिमम बैलेंस है जरुरी
बैंक अपने डेली खर्च और निवेशों को पूरा करने के लिए न्यूनतम शेष राशि की जरुरत को लागू करते हैं और यदि कोई कस्टमर न्यूनतम शेष राशि बनाए नहीं रखता है तो उस पर जुर्माना भी लगाया जाता है। बैंक ने अपने ग्राहकों से यह कहा है कि वे अपने अकाउंट की जांच करें और अनुपालन सुनिश्चित करें।
ब्याज भी हुआ कम
अप्रैल में आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक ने अपने बचत खातों पर ब्याज दर में 0.25% की कटौती की थी। यह फैसला एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक के द्वारा भी ब्याज दरों में कटौती के तुरंत बाद आया था। आईसीआईसीआई बैंक के सेविंग अकाउंट पर 2.75% ब्याज मिलेगा। 50 लाख रुपये के ज्यादा बैलेंस पर भी ब्याज दर में 0.25% की कटौती की गई है जिससे यह कम होकर 3.25% हो गई है। ये बदलाव 16 अप्रैल से हो चुका है।