चंडीगढ़ः राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार को मानव तस्करी और साइबर फ्रॉड से जुड़े मामले में कई राज्यों में छापेमारी की। स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर की गई इस छापेमारी में एनआईए की टीम ने इंटरनेशनल ह्यूमन ट्रैफिकिंग और साइबर फ्रॉड से जुड़े पांच लोगों को गिरफ्तार किया। एनआईए ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि आरोपी भारतीय युवाओं को रोजगार के झूठे वादे पर विदेश ले जा रहे थे। यहां से युवाओं को ले जाकर मुख्य रूप से विदेशी नागरिकों की ओर से नियंत्रित और संचालित रैकेट के हिस्से के रूप में गोल्डन ट्रायंगल स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एसईजेड), लाओस और कंबोडिया सहित अन्य स्थानों पर फर्जी कॉल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा था।
विदेश ले जाकर जबरन कराते थे ठगी
जांच एजेंसी का कहना है कि यहां से युवाओं को धोखे से ले जाकर विदेश में उनसे क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, फर्जी ऐप के जरिये क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर ठगी, हनी ट्रैपिंग और अन्य तरह से साइबर फ्रॉड कराया जा रहा था। टीम ने महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में 15 स्थानों पर छापा मारने के बाद वडोदरा के मनीष हिंगू, गोपालगंज के प्रह्लाद सिंह, दक्षिण पश्चिम दिल्ली के नबियालम रे, गुरुग्राम के बलवंत कटारिया (बॉबी कटारिया) और चंडीगढ़ के सरताज सिंह को गिरफ्तार किया गया।
आरोपियों के पास से मिले कई डिवाइस और डॉक्युमेंट्स
एनआईए और स्थानीय पुलिस की टीम ने छापेमारी के दौरान आरोपियों के पास से कई डॉक्युमेंट्स, डिजिटल डिवाइस, हैंडराइटिंग रजिस्टर, कई पासपोर्ट और फर्जी विदेशी एंप्लॉइमेंट लेटर सहित कई आपत्तिजनक सामान बरामद किए हैं। एनआईए का कहना है कि अलग-अलग राज्य/केंद्रशासित प्रदेश पुलिस बलों की ओर से 8 नई एफआईआर भी दर्ज की गई हैं।
विदेशी तस्करों संग मिलकर अवैध रूप से पार कराते थे सीमा
जांच में यह भी पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी थाईलैंड, कंबोडिया और वियतनाम से लाओस एसईजेड तक भारतीय युवाओं को अवैध रूप से सीमा पार करने की सुविधा प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से सक्रिय तस्करों के साथ कॉर्डिनेट कर रहे थे। एनआईए की जांच से पता चला है कि आरोपी एक संगठित तस्करी सिंडिकेट में शामिल थे जो रोजगार के झूठे वादे पर भारतीय युवाओं को लुभाने और विदेशों में तस्करी करने में लगे हुए थे।
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