नई दिल्ली : इस बार मानसून ने अपने तय समय से पहले ही भारत में दस्तक दे दी है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार ने इसकी जानकारी दी है। पिछले 16 सालों में मानसून इस साल सबसे पहले पहुंच रहा है।इस समय अरब सागर के पूर्वी मध्य भाग में और दक्षिण कोंकण तट के पास एक स्पष्ट निम्न दबाव का क्षेत्र सक्रिय है, जो अब एक डिप्रेशन (अवसाद) में बदल चुका है।
यह प्रणाली रत्नागिरी और दापोली के बीच दक्षिण कोंकण तट को शनिवार सुबह पार करने की संभावना है। इसके प्रभाव से केरल में बारिश की गतिविधियों में तेजी देखी जा रही है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार शनिवार सुबह दक्षिण भारत के द्वार केरल में मानसून ने आधिकारिक रूप से प्रवेश कर लिया है। यह वर्ष 2009 के बाद पहली बार है जब मानसून इतनी जल्दी भारतीय उपमहाद्वीप में पहुंचा है।
तब भी मानसून 23 मई को केरल में आया था। मौसम विभाग के अनुसार, जब मई 10 के बाद 14 विशेष स्टेशनों में से कम से कम 60% स्टेशनों पर लगातार दो दिन तक 2.5 मिमी या उससे अधिक बारिश होती है, साथ ही हवा की दिशा दक्षिण-पश्चिमी होती है और बादलों की उपस्थिति (OLR यानी आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन) कम रहती है, तब मानसून के आगमन की आधिकारिक घोषणा की जाती है। इस बार ये सारे मानक पूरे हुए।