जालंधर/वरुण : देहात में सीआईए स्टाफ और थाना मकसूदां की पुलिस ने शुक्रवार को कपूरथला रोड पर अवैध तरीके से चलाए जा रहे नशा छुड़ाओ केंद्र में पुलिस ने दबिश दी। इस दौरान पुलिस ने अवैध तरीके से बंधक बनाकर रखे 57 युवकों को छुड़ाया। यह कार्रवाई सिविल सर्जन जालंधर की टीम और जिला ड्रग इंस्पेक्टर की देखरेख में की गई। एसपी (जांच) मनप्रीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि परविंदर सिंह, अमन बसरा (फगवाड़ा) और विशाल शर्मा (तलवंडी चौधरियां, कपूरथला) गांव गाजीपुर में अवैध तरीके से नशा छुड़ाओ केंद्र चला रहे हैं। जब पुलिस मीमम, सिविल अस्पताल की टीम और जिला ड्रग इंस्पेक्टर लोकेशन पर पहुंचे तो वहां के हालात बहुत खराब थे। वहां पर 57 के करीब युवकों को बंधक बनाकर रखा गया था। कमरों में खिड़की तक नहीं बनी थी।
पुलिस को युवकों ने जानकारी दी है कि उक्त नशा छुड़ाओ केंद्र संचालक प्रत्येक युवक से 15 से 20 हजार रुपये हर महीने का खर्च ले रहे थे। जब टीमों ने जांच की तो पता चला कि वहां नशा छुड़वाने के बजाय युवकों को नशे के दलदल में धकेला जा रहा था। उनका जीवन नर्क जैसा हो गया था। सर्च के दौरान पुलिस को 80 नशीली गोलियां, दो टीके और अन्य सामग्री बरामद किया। पुलिस ने नशा छुड़ाओ केंद्र संचालकों के खिलाफ एनडीपीएस, 342 और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास में पुलिस जुटी है।
सिविल अस्पताल जालंधर की टीम और ड्रग इंस्पेक्टर ने बंधकों को छुड़ाया और आठ एंबुलेंस की मदद से नशा छुड़ाओ केंद्र जालंधर में भर्ती करवाया जहां उनका इलाज चल रहा है। जानकारी मिली है कि नशा छुड़ाओ केंद्र बिना लाइसेंस और सरकार की बिना अनुमति के चलाया जा रहा था। प्रशासन ने कहा कि अगर जिले में कहीं भी इस तरह के केंद्र संचालित होते हैं तो इसकी सूचना विभाग को दें। ऐसे केंद्र लोगों से पैसे ऐंठते हैं। यहां नशा छुड़वाने के बजाय युवकों की जान खतरे में डाली जाती है।