जालंधर, ENS: भारत-पाकिस्तान के बीच भले सीजरफायर का ऐलान हो गया है। लेकिन अभी भी भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है। भारत और पाकिस्तान के बीच हुए विवाद में तुर्की और अजरबैजान पाकिस्तान के हक में आ गया। जिसको लेकर भारत के लोगों में भारी रोष पाया जा रहा है। वहीं बीते दिन जालंधर मकसूदा मंडी के फ्रूट आढ़तियों ने तुर्की के सेब को खरीदने से मना कर दिया। उनका कहना है कि जो देश भारत के खिलाफ खड़ा होंगा वह हमारा दुश्मन होगा। ऐसे में आढ़तियों ने दुश्मन के साथ कारोबार करने से मना कर दिया है। वहीं अब लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के चेयरमैन व राज्यसभा सासंद अशोक मित्तल ने भी बड़ा ऐलान किया है।
मामले की जानकारी देते हुए अशोक मित्तल ने कहा कि तुर्की और अजरबैजान पाकिस्तान के हक आ गए है। ऐसे में भारत के खिलाफ दोनों देशों के खड़े होने के चलते उनकी यूनिवर्सिटी ने दोनों देशों के साथ समझौता रद्द किया गया। अशोक मित्तल ने कहा कि 22 अप्रैल को पाकिस्तान आतंकवादियों ने पहलगाम में 26 टूरिस्ट पर गोलियां चलाकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। जिसके बाद केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के चलते पाकिस्तान के आतंकियों के 9 ठिकानों पर मिसाइलें दागकर उन्हें धवस्त कर दिया। मामले की जानकारी देते हुए राज्यसभा सदस्य ने कहा कि तुर्की और अजरबैजान ने पाकिस्तान का खुलकर साथ दिया।
लवली यूनिवर्सिटी का इन दोनों देशों के साथ समझौता था और दोनों देशों के साथ मिलकर एजुकेशन मुद्दों पर लवली काम कर रही थी। लेकिन अब पाकिस्तान को सपोर्ट करने के बाद लवली ने 6 एमओयू समझौतों को रद्द करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि समझौते से पहले हमें हमारा देश है। एक यूनिवर्सिटी, विश्विद्यालय से ऊपर देश है। ऐसे में जब देश के साथ धोखा करने वाले देशों के खिलाफ समझौता रद्द करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के साथ 6 एमओयू पर समझौता हुआ था और दोनों देशों के साथ हुए समझौते के चलते बच्चे पढ़ने के लिए आ रहे थे और जा रहे थे। इस दौरान रिसर्च चल रही थी, वहीं टीचर्स आ- जा रहे थे, लेकिन अभी सब समझौतों को रद्द कर दिया था। इस दौरान उन्होंने अन्य यूनिवर्सिटी से अपील की है कि देश के ऊपर कुछ नहीं है, ऐसे में अन्य यूनिवर्सिटी के साथ अगर समझौता हुआ है तो उन्हें भी रद्द कर देना चाहिए।