जालंधरः शहीद दर्शन सिंह के.पी. स्टेडियम में प्रशासन द्वारा बोर्ड पर नोटिस लगाकर हर अगले माह से यानी 1-7-2025 से सैर करने के लिए वार्षिक शुल्क 2500/- रुपये निर्धारित करने का मामला तूल पकड़ने लगा है। वहीं इस फीस को लेकर इलाका निवासियों में रोष पाया जा रहा है। इसको लेकर अब कांग्रेस पार्षद बलराज सिंह ने भी शिकायत दे दी है।
पार्षद बलराज सिहं ने कहा कि ये विवाद अनावश्यक है। शहीद दर्शन सिंह के.पे स्टेडियम 1993 में कार्पोरेशन में आया था और इसके बाद से इसकी देखरेख नगर निगम के अधिकारी में आई थी। जब स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट आया था तब मैं यहां पार्षद था, (अब उनका इलाका बदला गया है) तब सरकारी खजाने से यहां पर करीब 7 करोड़ रुपए स्टेडियम में लगाए गए थे जिसमें बच्चों के लिए झूले और लोगों के लिए ट्रेक बनवाया गया था। अब यहां पर बोर्ड लगा दिया गया है कि यहां एंट्री करने वाली की फीस लगेगी जिसकी शिकायत लोगों ने उनसे की।
उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्होेंने सैक्रेटरी रविंदर सिंह से की जिनका रवैया अडिग था। बाद में उन्होंने प्रेसिडेंट अमरीक सिंह पवार से बात की, लेकिन उनका रवैया भी न मानने वाला था जिसके बाद इसकी शिकायत कमिश्नर को दी गई है। उन्होंने कहा कि ये अभी स्पोर्ट्स क्लब को हैंडओपर नहीं हुआ है और नगर निगम से जगह लेने का कोई प्रोसिजर होता है जिसे फोलो करना होता है। उन्होंने क्लब से मीटिंग भी की है जो कह रहे हैं कि मेंटेनैंस के लिए पैसे की जरूरत होती है तो पार्षद ने कहा कि इसको लेकर कोई अलग तरीका निकाल सकते हैं, इसके लिए जनता को परेशान करना गलत है।
सैक्रेटरी रविंदर सिंह ने बताया कि ये हमारी जमीन है और हमने ये जमीन पंचायत को दी थी और सरकार से यहां शहीद दर्शन के.पी. के नाम स्टेडियम बनाने की अपील की थी। तब उन्होंने कहा था कि ये जगह कम है जिसके बाद हमने यहां आसपास के लोगों से जमीन इकट्ठी करके यहां स्टेडियम बनाया था। अब यहां सरकार इसकी मेंटेनैंस नहीं कर रही तो क्लब ने इसे अपने अंडर लिया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई उनसे धक्का करेगा, तो वह हाईकोर्ट में जाएंगे और इंसाफ मांगेगे। साथ ही यहां पूरी व्यवस्था मेंटेन करेंगे और किसी को फालतू यहां नहीं बैठने देंगे।
जानकारी देते पुरुषोतम लाल ने बताया कि जब ये स्टेडियम बनने वाला था, तब बेअंत सिंह की सरकार थी। तब इस स्टेडियम को उस समय की सरकार ने एक स्कीम तहत ब्लॉक लैवल पर बनाया था। स्टेडियम सांझी जमीन पर बनाया गया था जिसको लेकर सरकार ने एक बार तो पैसे लगा दिए, लेकिन अब उसकी मेंटेनैंस की और कोई ध्यान नहीं दे रहा जिसको लेकर क्लब कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि ये कोई बड़ा विवाद नहीं है। अगर सरकार इसकी मेंटेनैंस का जिम्मा उठाती है तो यह विवाद खत्म हो जाएगा।
