जालंधर: महानगर में डेंगू के मरीज़ों की संख्या बढ़ती जा रही है। पंजाब सरकार डेंगू के खिलाफ लोगों को जागरूक करने हेतु कोई कसर नहीं छोड़ रही है। खास तौर पर सेहत विभाग अधिकारियों तथा स्टाफ द्वारा डेंगू से बचने के बारे में लोगों को जानकारी दे रही है। इसके बावजूद सरकारी अस्पतालों में उक्त बातों की तरफ ध्यान ही नहीं दिया जा रहा। शहर के सिविल अस्पताल में डेंगू का स्पैशल वार्ड जल्दी-जल्दी में तैयार कर दिया है, लेकिन वार्ड में कई कमियां दिखाई दे रही हैं।
डेंगू के मरीजों की जो बैड दिए गए वह फटे होने के साथ बैड के नीचे गंदगी साफ देखी जा सकती थी। मरीजों को दिए जाने वाले बैडसाइड लॉकर जहां पर मरीजों की दवाइयां आदि रखी जाती हैं उनकी हालत भी काफी बुरी है, जिन्हें देखने पर एसा लगता है कि बैडसाइड लॉकर नहीं बल्कि मरीजों को दिए छोटे छोटे डस्टबिन है। अस्पताल में बने शौचालयों के बाहर गंदगी से फर्श भरा पड़ा था और उस पर मच्छर भिनभिना रहे थे।
सिविल अस्पताल में बने डेंगू वार्ड को आइसोलेशन वार्ड तो कागज में बना दिया गया, लेकिन असल में वहां की खिड़कीयां खराब होने के साथ दरवाजे तक खुले होते हैं। इन खिड़कियों ओर दरवाजों के रास्ते आसानी से मच्छर अंदर आ सकते हैं और यदि डेंगू या चिकनगुनिया पॉजिटिव मरीज को मच्छर काट ले उसके बाद वही मच्छर किसी दूसरे मरीज को काट ले तो वह भी डेंगू पॉजिटिव हो जाता है।
