जालंधर, ENS: बस्ती दानिशमंदां के शिवाजी नगर में हाईटेंशन तारों से करंट लगने से झुलसे 12 वर्षीय आदित्य की हालत गंभीर देखते हुए अमृतसर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां आदित्य की उपचार के दौरान मौत हो गई। इस घटना में आदित्य करीब 80 फीसदी झुलस गया था। बच्चे की मौत के बाद इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। हर कोई उसके माता-पिता को सांत्वना दे रहा था। लोगों ने कहा कि आदित्य काफी हंसमुख था और सब उसे प्यार करते थे। सोमवार को आदित्य का शव जालंधर लाया गया और दोपहर के समय उसका संस्कार कर दिया गया।
शिवाजी नगर में जब आदित्य का शव पहुंचा तो लोगों के मुंह पर एक ही बात थी। एक महीने से परमात्मा लगातार बच्चों पर कहर बरपा रहा है। हादसा चाहे जैसे मर्जी हुआ हो। पहले चार नाबालिग दोस्तों की मौत हुई, उसके बाद गुरु नानकपुरा वेस्ट में हाईटेंशन तारों की चपेट में आने से बच्चे की मौत हुई। अब उनके मोहल्ले में 12 साल के बच्चे की मौत हो गई। परमात्मा को पता नहीं क्या मंजूर है।
समाज सेवक सुरजीत सिंह ने कहा कि लंबे समय से पावरकॉम में कच्चे मुलाजिमों के पद पर काम किया है। जब शिवाजी नगर नही बसा था, तब तारों की ऊंचाई जमीन से करीब 50 फीट थी। जैसे-जैसे आबादी बढ़ती गई और घर बनते गए तो तारों की ऊंचाई कम होती गई। लोगों ने घरों का लेवल रोड से काफी ऊंचा कर लिया। इस कारण अब हाईटेंशन तारों की ऊंचाई घरों की छतों से 8 फीट है। न पावरकॉम अपने टावर हटा सकता है और न ही लोग अपने मकान। हल यही है कि टावरों की ऊंचाई बढ़ाई जाए।