फर्जी CBI अफसर ने डिजिटल अरेस्ट में कारोबारी से ठगे 7 करोड़, 11 जगह छापेमारी
जालंधर, ENS: प्रवर्तन निदेशालय जालंधर ईडी की टीम ने डिजिटल अरेस्ट के जरिए ठगी के एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई की। ईडी ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और असम में कुल 11 स्थानों पर एक साथ तलाशी अभियान चलाया। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई, जो लुधियाना के प्रसिद्ध उद्योगपति श्री एस. पी. ओसवाल के डिजिटल अरेस्ट मामले से जुड़ी है। तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और अन्य सबूत बरामद किए गए और जब्त कर लिए गए। तलाशी के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद कर जब्त किए गए हैं। यह छापेमारी मास्टर माइंड रूमी कलिता की गिरफ़्तारी के बाद की गई है। ईडी ने लुधियाना के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में बीएनएसएस, 2023 के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी।
बाद में इसी गिरोह से जुड़े 9 अन्य एफआईआर को भी इस जांच में शामिल किया गया। ईडी की जांच में पता चला है कि एसपी ओसवाल की डिजिटल गिरफ्तारी के दौरान, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों का रूप धारण करने वाले धोखेबाजों ने जाली आधिकारिक और न्यायिक दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हुए उन्हें विभिन्न खातों में 7 करोड़ रुपये स्थानांतरित करने के लिए मजबूर किया था।
बाद में इसमें से 5.24 करोड़ रुपये खातों से बरामद कर वापस भेज दिए गए। शेष धनराशि विभिन्न संस्थाओं और व्यक्तियों (मजदूरों/डिलीवरी बॉय) के नाम पर बनाए गए विभिन्न फर्जी खातों में स्थानांतरित कर दी गई, जिन्हें या तो आगे डायवर्ट कर दिया गया या तुरंत नकद में निकाल लिया गया। जांच के दौरान यह भी पता चला कि पीड़ितों से ठगी गई रकम को व्यक्तियों के एक समूह द्वारा तुरंत विभिन्न फर्जी खातों में डायवर्ट कर दिया गया था। उन खातों की जानकारी का इस्तेमाल रूमी कलिता द्वारा ठगी गई रकम के एक निश्चित प्रतिशत के बदले में किया जा रहा था, जो उन्हें उनके हिस्से के रूप में दिया जाना था।
तलाशी के दौरान जुटाए गए विभिन्न आपत्तिजनक सबूतों से पता चलता है कि वह अपराध की आय के डायवर्जन और लेयरिंग में गहराई से शामिल थीं। तलाशी के दौरान, सुश्री रूमी कलिता को 23.12.2025 को पीएमएलए के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था। सीजेएम कोर्ट, कामरूप (एम) गुवाहाटी द्वारा उनकी 4 दिनों की ट्रांजिट रिमांड मंजूर की गई थी। इसके बाद उन्हें जालंधर स्थित स्पेशल कोर्ट, पीएमएलए के समक्ष पेश किया गया, जिसने अभियुक्त की 10 दिनों की हिरासत ईडी को 2.01.2026 तक के लिए सौंप दी।
